अब अस्पताल में ही बनेगा नवजातों का आधार कार्ड, जिले में शुरू हुई "Aadhar at Birth" योजना

नागपुर: आधार पहचान पत्र समय की जरूरत बन गया है। हर काम में इसकी जरुरत पड़ती है। इस जरूरत को देखते हुए नागपुर जिलाधिकारी बिपिन इतनकार ने जिले में 'आधार एट बर्थ' योजना शुरू की है। जिसके तहत अब अस्पताल में ही जन्मे बच्चे का आधार कार्ड बन जाएगा। इस संबंध में जिले के अंदर मौजूद सभी सरकारी, अर्धसरकारी और निजी अस्पतालों को आदेश दे दिया है।
इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग मिलकर काम करेंगे। इसी के साथ जिलाधिकारी ने दोनों विभाग को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है, जिससे अस्पताल में जन्मा कोई भी नवजात आधार कार्ड से वंचित न रहे।
राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, उपजिला अस्पताल, ग्रामीण अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संस्थानों के प्रमुखों को उनके यहां होने वाले जन्मों के पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार, जन्म और मृत्यु के रूप में नियुक्त किया गया है. अस्पताल भवन और अस्पताल परिसर और सभी को इस संबंध में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
तदनुसार, सभी सरकारी अस्पताल के रजिस्ट्रार को अपने अस्पताल में बच्चे के जन्म के तुरंत बाद बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र को हटा देना चाहिए। अस्पतालवार मैप किए गए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के आधार एनरोलमेंट स्टाफ को कॉल करके बच्चे का आधार कार्ड तुरंत वापस ले लिया जाएगा। साथ ही निजी स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले बच्चों की संबंधित संस्था के प्रमुख गूगल शीट में पूरी जानकारी भरकर संबंधित प्रपत्र क्रमांक 1 जन्म एवं मृत्यु निबंधन विभाग को कार्यालय अंचल सहायक आयुक्त के कार्यालय में जमा कराएं। जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद संबंधित निजी संस्थान के प्रधान इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के आधार पंजीकृत कर्मचारियों को बुलाकर बच्चे का आधार कार्ड निकलवाएंगे।

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