विदर्भ और मराठवाड़ा में डेयरी विकास को गति देने के लिए 149 करोड़ रुपये मंजूर

नागपुर: आज हुई कैबिनेट बैठक में विदर्भ और मराठवाड़ा के 19 जिलों में डेयरी विकास को गति देने के लिए डेयरी विकास परियोजना के दूसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 149 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है। परियोजना की कुल लागत 328 करोड़ 42 लाख है, जिसमें से 179 करोड़ 16 लाख हिस्सा किसानों और पशुपालकों का है। राज्य की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर है, जिसमें कृषि और कृषि-व्यवसाय शामिल हैं, जिसमें डेयरी उद्योग की भी हिस्सेदारी है। इसी कारण से यह निर्णय लिया गया है।
यह परियोजना विदर्भ और मराठवाड़ा के नागपुर, भंडारा, चंद्रपुर, गोंदिया, वर्धा, बुलढाणा, यवतमाल, वाशिम, गढ़चिरोली, अमरावती, अकोला, छत्रपति संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जालना, नांदेड़, लातूर, धाराशिव और परभणी जिलों में 2026-27 लागू की जाएगी। इससे पहले 2016 में यह परियोजना विदर्भ मराठवाड़ा के 11 जिलों में लागू की गई थी।
इस परियोजना में दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली का उपयोग कर भ्रूण प्रत्यारोपण, किसानों को विविध विकास कार्यक्रम, संतुलित आहार और गुणवत्तापूर्ण चारा प्रदान करना, पशु स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना, उच्च दूध उत्पादन क्षमता वाली गायों और भैंसों का आवंटन करना शामिल है। इसका उद्देश्य किसानों की आय और रोजगार बढ़ाना भी है।
इस तीन वर्ष की अवधि के दौरान इन 19 जिलों में 13 हजार 400 दुधारू गाय और भैंस वितरित की जाएंगी। इस प्रोजेक्ट का मुख्यालय नागपुर में होगा। साथ ही जिला परियोजना पदाधिकारी इसका क्रियान्वयन करेंगे।

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