वरिष्ठ गांधीवादी ने व्यक्त की संविधान की चिंता,पूर्व CJI बोबड़े बोलें चिंता मत करिये

नागपुर: मौजूदा दौर में देश की सरकार पर निशाना साधते हुए अक्सर विपक्ष कहता है संविधान ख़तरे में है.शुक्रवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में दौरान वरिष्ठ समाजसेवी और गांधीवादी लीलताई चितले ने तो देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद बोबड़े के सामने इस चिंता को प्रकट कर दिया जिसका ज़वाब देते हुए बोबड़े ने कहा चिंता मत करिये।पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा इसमें कोई शक नहीं है कि देश की राजनीति ने हमारे मन में थोड़ी असहजता पैदा की है कि संविधान खतरे में है, लेकिन यह डर न पालें। पूर्व सीजेआई होने के नाते मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि संविधान रक्षक न्यायपालिका उस पर कभी कोई आंच नहीं आने देगी।
पूर्व सीजेआई और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे की मौजूदगी में कार्यक्रम के दौरान लीलाताई ने संबोधन में कहा कि मेरी उम्र 93 वर्ष हो चली है। मेरी स्थिति एक ऐसे यात्री की तरह है, जो सामान बांध कर रेल का इंतजार कर रही है। आप सबको मैं अपना परिवार समझती हूं, लेकिन दुख के साथ एक बात कहनी है। मुझे लगता है कि संविधान खतरे में है। मंच पर बैठे पूर्व सीजेआई बोबडे, एड. सालवे व अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से यही गुजारिश है कि इस संविधान की रक्षा कीजिए। देश में महात्मा गांधी के विचार, समता, न्याय और स्वतंत्रता कायम रहने चाहिए।लीलाताई की बात का उत्तर देते हुए न्या. बोबडे ने कहा कि आपकी यह असहजता राजनीति द्वारा निर्मित माहौल के कारण है। देश की न्यायपालिका संविधान की रक्षा के लिए तत्पर है। आप आश्वस्त रहें, संविधान की हर हाल में रक्षा करेंगे।

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