दो फाड़ होने की कगार पर शहर शिवसेना! कार्यकर्ताओं ने दुष्यंत चतुर्वेदी पर लगाया प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बनाने का आरोप

नागपुर: अपने इतिहास की सबसे बड़ी टूट से जूझ रही शिवसेना (Shivsena) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत का झटका अभी समाप्त नहीं हुआ था कि, उपराजधानी में पार्टी दो फाड़ होने की कगार पर पहुँचती दिख रही है। शहर संपर्क प्रमुख दुष्यंत चतुर्वेदी (Dushyant Chaturvedi) की कार्य प्रणाली और शहर में एकाधिकार से पार्टी के कार्यकर्ता नाराज है। वहीं पोल के मौके पर युवा सेना आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के सिटी दौरे पर उन्हें कार्यकर्ताओं से दूर रखने को लेकर पार्टी नेताओं में नाराजगी आखिरी चरम पर पहुंच गई है। हालात ऐसे बन गए हैं कि, जल्द से जल्द पार्टी आलाकमान ने इसपर ध्यान नहीं दिया तो जल्द ही कई वरिष्ठ नेता पार्टी को छोड़ शिंदे गुट या अन्य पार्टियों में शामिल हो सकते हैं।
नेताओं ने लगाया प्राइवेट लिमिटेड बनाने का आरोप
शिवसेना नेताओं ने चतुर्वेदी पर पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बना डालने का आरोप लगाया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि, सालों से जिन नेताओं ने संघ के गढ़ में पार्टी को जिन्दा रखा और लगातर बढ़ाने का प्रयास किया उन्हें दरकिनार कर नए नेताओं को आगे रखा जा रहा है। शिवसैनिकों का आरोप है कि चतुर्वेदी पार्टी नेताओं को छोड़कर कांग्रेस से आए दीपक कापसे को लगातार बढ़ा रहे हैं। हालत ऐसे हो गए हैं कि, लगता है कापसे और नितिन तिवारी के अलावा शहर में कोई नेता ही नहीं है जिसके कारण पार्टी चल रही है।
नेताओं को आदित्य से नहीं मिलने दिया
पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि, दुष्यंत और उनकी कंपनी ने युवासेना प्रमुख आदित्य के दौरे पर किसी भी शिवसैनिकों से मिलने नहीं दिया। उनसे दूर रखा जिसके कारण वह अपनी शिकायत और समस्या उन्हें बता नहीं पाएं। इसी के साथ पार्टी को पुराने नेताओं को लगातार यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि मातोश्री में उनकी कितनी पहुंच है। इसी में अपने भरोसेमंद कापसे को वहां ले जाना भी शामिल है।
कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी
पिछले कई दिनों में शिवसेना के कई नेता पार्टी को अलविदा कह शिंदे गुट या अन्य किसी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। पिछले दिनों शहर के सहसंपर्क प्रमुख मंगेश काशीकर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उसके पहले तुमने और जायसवाल भी शिंदे गुट में शामिल ही चुके हैं। पार्टी में हो रही गुटबाजी को देखते हुए पूर्व उपमहापौर शिखर सवारबांधे सहित कई नेता दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं।
साखरे जल्द कर सकते हैं जय महाराष्ट्र
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सुरेश साखरे ने 2020 में बीएसपी छोड़ शिवसेना का दामन थमा था। उस समय लगा था कि, वह शिवसेना के लिए गेम चेंजर साबित होंगे। उनके आने से मनपा चुनाव में पार्टी को दलित वोटों का बड़ा फायदा होगा। हालांकि, चतुर्वेदी के कार्य पद्धति से साखरे खुद को बहुत असहज महसूस कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो उन्होंने शिवसेना को जय महाराष्ट्र करने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। आने वाले कुछ दिनों में वह भगवा गमछा अपने कंधे से उतार देंगे।
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