उद्धव ठाकरे गुट को झटका, शिंदे गुट को मिला शिवसेना कार्यालय; पुराने कर्मचारियों को भी निकाला

नागपुर: नागपुर में शीतकालीन सत्र के पहले दिन शिवसेना के उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। विधान मंडल परिसर में शिवसेना का मौजूदा कार्यालय उद्धव ठाकरे गुट से शिंदे गुट को दे दिया गया है। वहीं उद्धव खेमे को एनसीपी कार्यालय के पीछे दूसरा कार्यालय दिया गया है। कार्यालय मिलते ही शिंदे गुट ने कार्यालय में काम करने वाले पुराने कर्मचारियों को बाहर कर दिया।
दोनों गुटों को मिला था एक ही कार्यालय
शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधान भवन क्षेत्र में शिवसेना के एक ही कार्यालय में उद्धव ठाकरे समूह और एकनाथ शिंदे समूह का कार्यालय देखा गया। इस समय एक कमरे में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर प्रदर्शित की गई थी। इस बीच एकनाथ शिंदे समूह को दोपहर में पुराना कार्यालय मिला, जबकि उद्धव ठाकरे समूह को एनसीपी की पीठ में एक और कार्यालय दिया गया।
कर्मचारियों के निकले आंसू
इस कार्यालय के पुराने कर्मचारी हर वर्ष की भांति पुराने कार्यालय में अपना कार्य कर रहे थे। हमेशा की तरह इस साल भी ये कर्मचारी शिवसेना कार्यालय में काम कर रहे थे। लेकिन इस कार्यालय को शिंदे समूह ने अपने कब्जे में ले लिया और इन कर्मचारियों को भी कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया। इसमें दो महिला और चार पुरुष कर्मचारी शामिल हैं। अंत में ये कर्मचारी उद्धव ठाकरे समूह को मिले कार्यालय में आए। यहां विधायक रवींद्र वायकर से मुलाकात की। इस दौरान कर्मचारियों के आंसू छलक पड़े। उन्होंने इन कर्मचारियों को ढांढस बंधाया।
नए कमरों में हो रहे शिफ्ट
वहीं इस मामले पर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने प्रतिकिया दी है। उन्होंने कहा कि, “शनिवार को हमें नए कार्यालय का पत्र जारी हुआ था। लेकिन कोई नेता मौजूद नहीं होने के कारण हम इसे शिफ्ट नहीं कर पाए। आज हम सभी नए कार्यकाया में शिफ्ट हो रहे हैं।” उन्होंने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष ने हमें नए कार्यालय मिले हैं और हम इसमें शिफ्ट हो रहे हैं।”

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