सुरेश द्वादशीवार गांधी विचार के इसलिए सरकार ने दबाव बनाया की वो साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष न बने- अभिजीत वंजारी

नागपुर: वर्धा में होने वाले अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के लिए हुए अध्यक्ष पद के चुनाव का विवाद बढ़ता ही जा रहा है.विधानपरिषद सदस्य और कांग्रेस के नेता अभिजीत वंजारी ने आरोप लगाया है की सरकार के दबाव में संघ ने अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया गया है.जबकि पहले से तय वरिष्ठ साहित्यकार,विचारक और वरिष्ठ संपादक सुरेश द्वादशीवार गांधीवादी विचार के है इसलिए सरकार ने दबाव बनाकर उन्हें जानबूझकर अध्यक्ष नहीं बनाने दिया। जबकि उनका नाम लगभग तय हो गया था.सम्मेलन के अध्यक्ष पद को लेकर हालही में हुए चुनाव को लेकर कई तरह के तर्क दिए जा रहे है.एक धड़ा जो द्वादशीवार का समर्थक है.उनका कहना है की द्वादशीवार का आगामी अखिल भारतीय साहित्य मराठी सम्मेलन का अध्यक्ष चुना जाना लगभग तय था. उन्हें विदर्भ साहित्य संघ के तत्कालीन अध्यक्ष मनोहर म्हैसालकर का भी समर्थन प्राप्त था.हालाँकि इसी बीच म्हैसालकर का निधन हो गया। और उसके बाद नाटकीय घटनाक्रम में दूसरा अध्यक्ष चुन लिया गया.

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