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संविधान के कारण देश की अखंडता बनी हुई है, सीजेआई बनने के बाद पहली बार नागपुर पहुंचे भूषण गवई; हुआ भव्य सत्कार


नागपुर: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति भूषण गवाई का नागपुर में शुक्रवार को जिला बार एसोसिएशन द्वारा भव्य सत्कार किया गया। इस मौके पर न्यायिक बिरादरी, वरिष्ठ अधिवक्ताओं और आम जनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।  इस दौरान सीजेआई गवाई ने जिला न्यायालय परिसर में डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर की तैलचित्र और संविधान की प्रस्तावना का लोकार्पण। 

भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद भूषण गवई पहली बार नागपुर पहुंचे। जहां नागपुर जिला बार एसोसिएशन द्वारा उनके स्वागत और सम्मान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। जिला कोर्ट परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में सीजेआई गवाई का फूलो की माला और शॉल देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश गवई की माता कमलताई गवई, पत्नी तेजस्विनी गवई, सुको के न्यायाधीश दीपांकर दत्ता, न्या. प्रसन्ना वराले, न्या. अतुल चांदुरकर, बंबई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक आराध्ये, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता रोशन बागडे आदि उपस्थित थे।

इस दौरान बोलते हुए सीजेआई ने जज बनने की घटना को अपने जीवन के बेहद सुखद बताया। सीजेआई ने कहा कि, उन्हें न वकील बनना था और न ही जज लेकिन पिता के आदेश को मानते हुए उन्होंने यह बनने का निर्णय लिया। जो बेहद सुखद रहा। मेरे पिता ने कहा था मेरे बीटा एक दिन देश का मुख्य न्यायाधीश बनेगा। इस दौरान पिता को याद करते हुए सीजेआई की आंखें भी नम हो गई।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को अपने सफल जीवन का सूत्रधार बताते हुए सीजेआई ने कहा कि,  बाबा साहब के विचारों और उनके विचारों की प्रेरणा के कारण देश के सर्वोच्च स्थान तक पहुंच पाया हूं। भारत रत के प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, "स्वतंत्र भारत की संप्रभुता को सुरक्षित रखने का श्रेय बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को जाता है। उन्होंने संविधान सभा के साथ मिलकर ढाई वर्षों की अथक मेहनत से वह दस्तावेज तैयार किया, जो आज भारत की एकता और अखंडता की नींव है।"