मूसलाधार बारिश से कलमेश्वर की फसलों को भारी नुकसान, राजस्व मंत्री बावनकुले ने किया प्रभावित खेतों का दौरा

नागपुर: हमने जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त के साथ बैठक की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में कोई भी किसान पंचनामा से न छूटे। मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि प्राकृतिक और अप्राकृतिक परिस्थितियों के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि किसी भी किसान की ज़मीन पंचनामा से न छूटे। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि नेताओं के दौरे के दौरान कई अधिकारी उनके साथ होते हैं, अगर अधिकारी और कर्मचारी मैदान पर रहें, तो इससे किसानों को वाकई मदद मिलेगी।
उपराजधानी नागपुर में दो दिन पहले हुई जोरदार बारिश ने पूरे जिले में तबाही मचा दी। हालात ऐसे बने कि मानो बादल ही फट पड़े हों। इस बेमौसम बारिश से खेत-खलिहान पूरी तरह जलमग्न हो गए और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। सबसे ज्यादा मार कल्मेश्वर और सावनेर तहसील पर पड़ी, जहां संतरा, कपास, सोयाबीन और सब्जियों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। खासकर संतरे की फसल पर इस बारिश का गहरा असर पड़ा। पेड़ों पर लगे संतरे गलकर जमीन पर गिर गए, जिससे बागवानों को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। इस आपदा से किसान पूरी तरह हताश और निराश हो गए हैं। कर्ज के बोझ तले दबे किसान अब फसल नष्ट होने से और भी गहरे संकट में फंस गए हैं।
सोमवार को राज्य सरकार की ओर से राजस्व मंत्री और जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बवानकुले ने कल्मेश्वर तहसील का दौरा किया। उन्होंने दाढ़ेर गांव पहुंचकर खुद प्रभावित खेतों में जाकर नुकसान का जायजा लिया। इस मौके पर पालकमंत्री ने किसानों से सीधे संवाद किया, उनकी व्यथा सुनी और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों की हर संभव मदद करेगी।
राज्य भर के किसानों को भारी नुकसान
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि परसों नागपुर जिले में भारी ओलावृष्टि और बारिश हुई। 60 हज़ार हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। सोयाबीन, कपास, संतरे पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। इससे किसानों के लिए बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया है। हम सरकार से किसानों के लिए मुआवज़ा दिलाने की कोशिश करेंगे। लेकिन किसानों को भारी नुकसान हुआ है, उनका पूरा बाग़ तबाह हो गया है। किसानों के खेतों में एक भी पेड़ नहीं बचा है, खेतों में कुछ भी नहीं बचा है। यही स्थिति पूरे राज्य में देखी जा रही है। बावनकुले ने कहा, "जब मैं परसों अमरावती गया था, तो मुझे भी यही स्थिति दिखाई दी, इसलिए मैंने वहाँ एक सामान्य सर्वेक्षण का आदेश दिया है।"
सरकार किसानों के साथ खड़ी है
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य के किसान संकट में हैं। मैं राज्य में पूरे सर्वेक्षण पर नज़र रख रहा था। अगर अगस्त की बात करें तो हमें 25 लाख हेक्टेयर की सर्वेक्षण रिपोर्ट मिली है। सितंबर में हमें 22 लाख हेक्टेयर की सर्वेक्षण रिपोर्ट मिली है। हमें लगभग 50 लाख हेक्टेयर की सर्वेक्षण रिपोर्ट मिली है और हमें 4-5 अक्टूबर तक पूरी स्थिति का पता चल जाएगा। अगले 4-5 दिनों में हमें राज्य में किसानों को कितना नुकसान हुआ और कितने जानवर बह गए, इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी। इंसानों की मौत का आंकड़ा हमारे सामने आ गया है।" कुछ घर गिर गए हैं। जब किसानों का मूल्यांकन किया जा रहा है, तो सब कुछ अलग है। मूल्यांकन बिना किसी नियम-कानून के किया जाएगा। सरकार किसानों के पक्ष में है।

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