भाजपा के साथ को लेकर विधानपरिषद में भिड़े मुख्यमंत्री औऱ अनिल परब, जमकर हुआ हंगमा

नागपुर: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जब से शिवसेना को तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाई है तब से उद्धव गुट लगातर उनपर उन्हे साथ जाने वाले विधायकों पर हमलावर है। रोजाना किसी न किसी मुद्दे पर उद्धव गुट के विधायक मुख्यमंत्री शिंदे और उनके गुट पर हमला बोलते रहते हैं। दोनों गुटों के बीच वार-पलटवार चलता रहता है। इसी को लेकर आज एक बार फिर विधान परिषद के अंदर मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब के बीच जोरदार बहस हो गई। जिसके कारण उपसभापति को सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
दरअसल, सीमा विवाद को लेकर शिवसेना उद्धव गुट के नेताओं ने नियम 93 के तहत चर्चा की मांग की थी। इस दौरान शिवसेना नेता अनिल परब ने सीमा विवाद पर कई प्रश्न उठाए थे। जिसका जवाब खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। इसी के साथ छह महीने पहले किस तरह उन्होंने अपनी कामगिरी दिखाई उसकी जानकारी 33 देशों ने भी ली।
भाजपा की टिकट पर कोई नहीं लड़ेगा चुनाव?
मुख्यमंत्री के भाषण के बाद शिवसेना नेता अनिल परब ने धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया। परब ने कहा कि, “मुख्यमंत्री शिंदे ने जिस तरह से काम किया पिछले दिनों और उसकी जानकारी 33 देशों ने ली। हमें इस पर कोई शक नहीं है। 40 विधायक और 13 सांसदों को किस तरह अपने साथ रखा है, इस पर हमें कोई शक नहीं है।”
परब ने आगे कहा, "बस हम एक सवाल आप से जांनना कहते है कि, आप बालासाहेब ठाकरे की कसम खाकर बताइये को अगले चुनाव में जीते भी जन उधर है कोई भाजपा की टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेगा। अगर आप खुद से लड़कर हमें हराते हैं तो हमें बहुत ख़ुशी होगी।"
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
परब के इस सवाल पर सदन के अंदर हंगामा शुरू हो गया। उद्धव गुट के नेता के इस सवाल पर खुद मुख्यमंत्री ने जवाब दिया। सीएम शिंदे ने कहा, “आज जितने विधायक और मंत्री उस साइड बचे हुए हैं, वह भी चुनाव में इनकी मदद से जीते हैं। प्रचार के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगाकर जनता में वोट मांगे हैं।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “जहां तक सवाल रहा बालासाहेब ठाकरे के पैरों को छूने को लेकर सत्ता के लिए जिस तरह बाबासाहेब के विचारों को त्याग कर कांग्रेस-राष्ट्रवादी के साथ जाकर सरकार बनाई उसके बाद तुमको उनके पैरों को भी छूने का हक़ नहीं है।”
सदन की कार्यवाही हुई स्थगित
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सामने बैठे शिवसेना उद्धव गट के नेता हल्ला करने लगे। दोनों तरफ से हंगामा को देखते उपसभापति ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिए।

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