यूसीएन न्यूज़ की खबर का हुआ इम्पैक्ट, पुलिस ने भिखारियों को हटाने का काम किया शुरू, 22 का सफल पुनर्वास

नागपुर: शहर में बढ़ती भिखारियों की संख्या को लेकर UCN न्यूज़ की खबर का असर अब दिखाई देने लगा है। चैनल द्वारा लगातार दिखाई गई ग्राउंड रिपोर्टिंग के बाद पुलिस ने 'ऑपरेशन मुक्त' भिखारियों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को सीताबर्डी पुलिस ने एनजीओ के सहयोग से एलआईसी चौक से लोकमत चौक तक सड़कों पर मौजूद भिखारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
उपराजधानी नागपुर में भिखारियों की समस्या गंभीर होती जा रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद इनकी इनकी संख्या कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के प्रमुख चौराहों पर भिखारियों का जमावड़ा लगा रहता है। ये लोग आते-जाते लोगों से पैसे मांगते हैं, नहीं देने पर अपशब्द कहते हैं। शहरवासी लंबे समय से इन पर सख़्त कार्रवाई की मांग करते आ रहे थे।
पिछले दिनों यूसीएन न्यूज़ ने इसको लेकर विस्तार से खबर चलाई थी, वहीं भिखरियों से होने वाली परेशानियों को मजबूती के साथ सामने रखा था। यूसीएन न्यूज़ की खबर का असर हुआ और आज मंगलवार को पुलिस ने भिखारियों की हटाने का काम शुरू किया। पुलिस ने एलआईसी चौके से लेकर लोकमतचौक के दरमियान रहने वाले सभी भिखारियों को एनजीओ सह्याद्री फाउंडेशन के सहयोग से हटाने का काम शुरू किया।
पुलिस कर्मियों और एनजीओ प्रतिनिधियों की संयुक्त टीम ने सार्वजनिक स्थानों पर बैठे व घूमते इस अभियान के दौरान कुल 22 भिखारियों का पंजीकरण किया गया, जिनमें शामिल 10 पुरुष भिखारी, 6 महिला भिखारी, 6 बच्चे (लड़के और लड़कियाँ), 2 अनाथ शामिल है। इन सभी भिखारियों का उनके नाम, उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए उचित स्थानों पर पुनर्वास किया गया।
10 पुरुष भिखारियों को नागपुर के घाट रोड स्थित "आस्था भिखारी पुनर्वास आश्रय" में भर्ती कराया गया। 6 महिलाओं और बच्चों को "महिला बेघर आश्रय सीताबर्डी" में स्थानांतरित किया गया। इनमें से 2 अनाथ बच्चों की "जिला बाल संरक्षण दल" द्वारा विशेष देखभाल की जाएगी और उन्हें बाल गृह में भर्ती कराया जाएगा और उन्हें शैक्षिक और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जाएगी।

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