logo_banner
Breaking
  • ⁕ धारणी की जनसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की कई बड़ी घोषणाएँ, मविआ पर जोरदार हमला करते हुए की भाजपा उम्मीदवारों को जीताने की अपील ⁕
  • ⁕ शिवसेना उम्मीदवार के लिए उपमुख्यमंत्री शिंदे ने किया प्रचार, नाम लिए बिना एनसीपी-भाजपा पर बोला हमला ⁕
  • ⁕ Yavatmal: चार पहिया वाहन ने बैलगाड़ी को मारी टक्कर, छह लोग घायल, एक बैल की मौत ⁕
  • ⁕ Bhandara: भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद डॉ. विजया नंदुरकर ने एनसीपी में हुई शामिल, महायुति के अंदर ही दिख रही त्रिकोणीय लड़ाई ⁕
  • ⁕ Amravati: तिवसा में सोयाबीन की खरीद शुरू होने के बावजूद नहीं लिया जा रहा माल, किसानों ने हिंसक आंदोलन की दी चेतावनी ⁕
  • ⁕ जो 208 वोटों से जीता है वो आज छाती पीट रहा है, कांग्रेस सिर्फ़ अफ़वाहें फैलाती है; परिणय फुके का नाना पटोले पर जोरदार हमला ⁕
  • ⁕ स्थानीय चुनाव समय पर होंगे या टलेंगे, आज आएगा SC का फैसला; आरक्षण 50% से ज्यादा हुआ तो टल सकते हैं चुनाव ⁕
  • ⁕ महाराष्ट्र में हर जिले में बनेगा प्राणी संग्रहालय, वन मंत्री गणेश नाइक ने की बड़ी घोषणा; व्याघ्र परियोजना की तर्ज पर शुरू होगी तेंदुआ परियोजना ⁕
  • ⁕ आपल बस हड़ताल: प्रशासन ने दिया लिखित आश्वासन, 2 दिन में अंतिम समाधान का वादा; कर्मचारियों ने आंदोलन रोका ⁕
  • ⁕ ऑपरेशन शक्ति के तहत देह व्यापार रैकेट पर छापा; दो गिरफ्तार, एक पीड़िता को मुक्त कराया गया ⁕
Nagpur

विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष मनोहर म्हैसालकर का निधन, 90 साल की उम्र में ली आखिरी सांस


नागपुर: विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष और साहित्यकार मनोहर म्हैसालकर का शुक्रवार शाम निधन हो गया। वह नब्बे साल के थे। गुरुवार को तबियत ख़राब होने के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से साहित्य के क्षेत्र में शोक की लहर है। शनिवार 15 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके परिवार में दो बेटियां और एक बड़ा परिवार है।

मनोहर म्हैसालकर का जन्म अमरावती में हुआ था। उन्होंने अमरावती के शिवाजी कॉलेज में बीकॉम तक की पढ़ाई की। उसके बाद वे कुछ समय के लिए नागपुर के सोमालवार हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में काम किया। इसके बाद में उन्होंने मोयले में नौकरी की। 1972 में विदर्भ साहित्य संघ में शामिल हुए। उन्होंने 1983 तक विभिन्न पदों पर कार्य किया। उसके बाद वह 1983 से 2006 तक महासचिव रहे। 2006 से आज तक वे विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष पद पर रहे। 

भीमराव मराठी साहित्य उत्कृष्ट पुरुस्कार से थे समान्नित

साहित्य के क्षेत्र में म्हैसालकर एक सम्मानित नाम था। उन्होंने विदर्भ साहित्य संघ के उदय में एक प्रमुख भूमिका निभाई। वे कई साहित्यिक, सांस्कृतिक या संस्थाओं से घनिष्ठ रूप से जुड़े रहे। उन्होंने पुरुषोत्तम दर्वेकर के रंजन कला मंदिर के महासचिव का पद संभाला। उन्हें अखिल भारतीय मराठी नाट्य परिषद, महाराष्ट्र साहित्य परिषद पुणे द्वारा प्रथम भीमराव मराठी साहित्य उत्कृष्ट वरिष्ठ कार्यकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विदर्भ की समग्र सांस्कृतिक संरचना में उनका बहुत बड़ा योगदान था।