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Nagpur

विदर्भ विकास महामंडल: राज्य सरकार के फैसले का पूर्व सदस्य चांद्रायण ने किया स्वागत, कहा- विकास का रुका पहिया होगा शुरू


नागपुर: राज्य सरकार ने विदर्भ के विकास के लिए बनाए गए महत्वपूर्ण संस्था विदर्भ वैधानिक विकास महामंडल के पुनर्गठन का फैसला लिया है। कार्यकाल समाप्त होने के लगभग दो साल के बाद महामंडल के पुनर्गठन का फ़ैसला लिया है। सरकार के इस इस फैसले को पूर्व  सदस्य डॉ. कपिल चांद्रायण ने स्वागत किया है। मंगलवार को यूसीएन न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, "पिछले दो साल से विकास का वो पहिया जो रुका हुआ था आज के निर्णय से फिर से शुरू होने वाला है। संविधानिक तरीके से विदर्भ की समस्यों को के प्रश्न को उठाने का सही प्लेटफार्म आज मिला है।"

पूर्व सदस्य चांद्रायण ने कहा कि, "विदर्भ विकास मंडल के पुनर्गठन के लिए पहला कदम उठाया गया है। कैबिनेट से पास होने के बाद यह चीफ सेक्रेटी के पास जाएगी। उसके बाद राज्यपल के पास प्रस्ताव जाएगा। फिर राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेंगे। जिसमें आर्टिकल 371 की धारा 2 के तहत राष्ट्रपति से इन मंडलों के पुनर्गठन करने की मांग करेंगे। राष्ट्रपति से अनुमति के बाद इन मंडलों के गठन की शुरुआत होगी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।"

बोर्ड विदर्भ का हक़

पूर्व सदस्य चांद्रायण ने कहा कि, "विकास बोर्ड विदर्भ के पिछड़े पन को दूर करने का एक प्रमुख संस्था है। सवैधानिक तौर पर हम क्षेत्र से विकास से जुड़े मुद्दे, समस्याएं, किसी पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए कितना फंड चाहिए इसकी मांग कर सकते हैं। पिछली महाविकास अघाड़ी सरकार ने दो साल तक बोर्ड के पुनर्गठन करने पर कोई काम नहीं किया। जिसके कारण विदर्भ जैसा क्षेत्र जो विकास में पीछे है उसे बड़ा नुकसान हुआ।"

आखिरी कैबिनेट में दी थी एमवीए ने मंजूरी

वैसे महाविकास आघाड़ी सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में यानि 30 अप्रैल 2022 को महामंडल के कार्यकाल को बढ़ाने की सिफारिश की थी। जिसे नई सरकार ने मंगलवार को ली गई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी.इस दौर में महामंडल के पुनर्गठन को लेकर अदालत में याचिका भी दाखिल की गयी। यहाँ यह जान लेना भी खास है की विदर्भ के लिए आवाज बुलंद करने वाला एक धड़ा महामंडल के माध्यम से विदर्भ के विकास को तरजीह देता है। जबकि विदर्भ राज्य का समर्थन करने वालों का धड़ा महामंडल की संकल्पना को  अलग राज्य निर्माण में रोड़ा समझाता है।