विदर्भ विकास महामंडल का होगा गठन कैबिनेट ने लिए निर्णय

नागपुर: विदर्भ, मराठवाड़ा समेत अन्य महाराष्ट्र विकास बोर्ड (वैधानिक महामंडल) को विदर्भ विकास बोर्ड के साथ पुनर्गठित करने का निर्णय मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. इससे पहले महाविकास आघाड़ी के शासनकाल के अंतिम समय में भी यही निर्णय लिया गया था. लेकिन उसके बाद स्थापित हुई शिंदे-भाजपा सरकार ने इस निर्णय को रद्द कर दिया था.सरकार का यह निर्णय चौकाने वाला था क्यूंकि भाजपा जब विपक्ष में थी तो लगातार बोर्ड को पुनर्जीवित करने की मांग उसके द्वारा उठाई जा रही थी. लेकिन सत्ता में आने के बाद इस संबंध में तुरंत निर्णय नहीं जाने को लेकर सरकार की जमकर आलोचना भी हुई थी.
कैबिनेट के इस फैसले के बाद नए सिरे से विदर्भ वैधानिक महामंडल के गठन का रास्ता साफ हो गया है. राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए स्थापित विदर्भ, मराठवाड़ा विकास बोर्ड का कार्यकाल 30 अप्रैल, 2020 को समाप्त हो गया, लेकिन तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार ने कार्यकाल बढ़ाने की अनुशंसा राज्यपाल से नहीं की थी. इस मुद्दे पर भाजपा ने महाविकास अघाड़ी सरकार की न सिर्फ जबरदस्त आलोचना की थी बल्कि सरकार को विदर्भ विरोधी भी क़रार दिया है.
महाविकास अघाड़ी सरकार ने 29 जून 2022 को महामंडलों के कार्यकाल को बढ़ाने का फैसला लिया था। लेकिन शिंदे गुट और भाजपा गठबंधन सरकार ने महाविकास अघाड़ी के कई फैसलों को रद्द किये जाने की कड़ी में इस फ़ैसले को भी रद्द कर दिया था। ढाई महीने के कार्यकाल के दौरान सरकार ने कई अहम फैसले लिए गए लेकिन विकास बोर्डों के नए सिरे से गठन का मुद्दा सरकार के एजेंडे में नहीं आया था । मगर अब इस संबंध में निर्णय लिया गया है.

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