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Nagpur

विदर्भवादियों ने जलाई नागपुर करार की होलिका, 2023 तक अलग राज्य बनाने का लगा लक्ष्य


नागपुर: स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग के लिए विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से बुधवार को शहर के जगनाडे चौक में 'जा रे मारबत' और 'विदर्भ को अलग किया जाना चाहिए' जैसे नारा लगाते हुए नागपुर करार की होली जलाई है। 28 सितंबर 1953 को नागपुर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसने 1 मई 1960 को विदर्भ को महाराष्ट्र में शामिल किया, लेकिन नागपुर समझौते के अनुच्छेद 11 के अधिकांश खंडों का पालन नहीं किया गया। इसलिए आज शहर में चार स्थानों पर चरणों में ठेका होली का आयोजन किया गया। पूर्वी विदर्भ के अध्यक्ष अरुण केदार के साथ विदर्भ के नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

विदर्भ नेता मुकेश मसूरकर ने कहा, "पृथक विदर्भ आंदोलन की यह आखिरी लड़ाई है, अब हम महाराष्ट्र में नहीं रहना चाहते। आज विदर्भ के कार्यकर्ताओं ने नागपुर समझौते की होली जलाते हुए  कहा कि, 2023 में कोई स्वतंत्र विदर्भ बनने से रोक नहीं सकता।

चंद्रपुर में भी जोरदार प्रदर्शन

चंद्रपुर में विदर्भ के कार्यकर्ताओं ने अलग विदर्भ राज्य के लिए विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय गांधी प्रतिमा के सामने नागपुर समझौते की होली आयोजित कर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने यह भावना व्यक्त की कि ब्रह्मदेव के मुख्यमंत्री बनने पर भी महाराष्ट्र विदर्भ के साथ हुए अन्याय को दूर नहीं कर सकता।

विदर्भ के साथ बढ़ा अन्याय

वामनराव चटप ने कहा, प्रदर्शनकारियों ने वित्तीय और भर्ती के मामले में विदर्भ के साथ किए गए अन्याय को भी पढ़ा। 2027 तक अलग विदर्भ राज्य प्राप्त करने का संकल्प व्यक्त किया गया। राज्य सरकार कर्ज में है। वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। पुलिस, डॉक्टर के पद रिक्त हैं। हमारी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता। इसलिए मांग है कि अलग विदर्भ दिया जाए। वामनराव चटप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से अलग विदर्भ देने की प्रार्थना करेंगे।