जब फडणवीस बने एकनाथ शिंदे के सारथी

नागपुर: राजनीति और राजनेताओं के कई रंग होते है.समय परिस्थिति के साथ राजनीति के रंग और परिस्थितियां बदलती है.हर तस्वीर और दृश्य बहुत कुछ कहता है.कुछ ऐसा ही देखने को मिला रविवार सुबह नागपुर में,जब डीसीएम फडणवीस खुद सीएम एकनाथ शिंदे के सारथी बने. वैसे है तो यह दोनों रुदबेदार शख़्शियत ये दोनों जहां जहां चलते है सिस्टम इनके साथ चलता है. वाहनों और ड्राइवरों का लाव लश्कर चलता है लेकिन सीएम के अपने शहर पर पहुंचने पर डीसीएम ने सीएम को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया।
वैसे ऐसा कम ही देखने को मिलता है की फडणवीस कार खुद चलाये लेकिन रविवार को डीसीएम ने सीएम के लिए न केवल खुद कार चलाई बल्कि शिवसेना( शिंदे ) गुट के समर्थक रामटेक से लोकसभा सांसद कृपाल तुमाने के घर से उन्हें लेकर समृद्धि महामार्ग पहुंचे। डीसीएम के हाथ में स्टेरिंग और बगल की सीट में खुद सीएम स्थिति और परिस्थिति सामान्य तो बिलकुल नहीं हो सकती।समृद्धि महामार्ग जिसका उद्घाटन कुछ दिनों में होगा उससे सीएम -डीसीएम गहरा नाता है.जब यह परियोजना शुरू हुई तो बतौर सीएम फडणवीस विभाग के मंत्री शिंदे को निर्देश देते होंगे अब जब यह परियोजना लगभग पूरी हो गई तो इसके मील के पत्थर में शिंदे का नाम ऊपर फडणवीस का उसके नीचे होगा। यह दृश्य देखने में अच्छे लग रहे है.इस पर विरोधियों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।

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