Yavatmal: 500 बाढ़ पीड़ितों को 24.65 लाख का अनुदान, मंत्री राठोड बोले- कोई नहीं रहेगा वंचित
यवतमाल: पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण नदियों में आई बाढ़ से बड़ी मात्रा में कृषि फसलों, घरों और सरकारी संपत्तियों को नुकसान हुआ है। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने पीड़ितों को सहायता अनुदान देने का ऐलान किया था। इसी के मद्देनजर सोमवार को बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत अनुदान का प्रथम चरण शुरू हुआ। सोमवार को जिले में सहायता देने का काम शुरू किया। इस दौरान पालकमंत्री संजय राठौड़ ने कहा कि, अतिरिक्त पांच हजार की सहायता राशि तत्काल वितरित करने का निर्देश दिया गया है। जिले में कोई भी बाढ़ पीड़ित मदद से वंचित नहीं रहेगा।"
उमरखेड तहसील के विविध विषयों के संबंध में पालकमंत्री राठोड ने उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में रविवार को समीक्षा बैठक बुलाई थीं। बैठक में उपविभागीय अधिकारी डॉ।व्यंकट राठोड, तहसीलदार अनंत देऊलगावकर, गटविकास अधिकारी प्रविण वानखेडे, कार्यकारी अभियंता प्रिया पुजारी, भूमेश दमाहे सहित कृषि, राजस्व,पंचायत समिती आदि विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
राठोड ने कहा, “जिले के सभी राजस्व मंडलों में 65 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। यवतमाल में रिकॉर्ड बारिश हुई। इस भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से कई इलाकों में खेती, मकान और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। फसलें पीली पड़ गईं है। कुछ क्षेत्रों में इस क्षति का पंचनामा पूर्ण हो चुका है और शेष का पंचनामा पूर्ण किया जाना चाहिए। तीन प्रकार की क्षतिग्रस्त कृषि भूमि का पंचनामा किया जाना चाहिए। जिन कृषि भूमियों की मरम्मत नहीं की जा सकती, जिन कृषि भूमियों का दोबारा उपयोग किया जा सकता है और जिन कृषि भूमियों में फसलों को नुकसान हुआ है, उनका विभाजन कर 15 अगस्त से पहले नुकसान की रिपोर्ट सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है।”
उमरखेड़ में बाढ़ के पानी से नुकसान झेलने वाले 500 परिवारों को 24 लाख 65 हजार रुपये आवंटित किए गए हैं और पालक मंत्री ने 5 हजार की अतिरिक्त सहायता तुरंत वितरित करने का निर्देश दिया है। तहसील में प्रभावित परिवारों को 50 क्विंटल गेहूं और 50 क्विंटल चावल वितरित करने की जानकारी भी पालकमंत्री ने दी।
बाढ़ के कारण कई लोगों के जरूरी दस्तावेज बह गये हैं। उन्हें नया प्रमाणपत्र जारी करने की कार्रवाई की जाये। साथ ही आम लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए घरकुल, आवास योजनाओं पर तेजी से काम किया जाना चाहिए। स्कूल प्रांगण, सड़क और पुल समेत महावितरण विभाग की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जानी चाहिए। सिंचाई, गहरीकरण एवं नालों को सीधा करने के कार्य किये जायेंगे। इस संबंध में नवीन कार्यों का सुझाव दिया जाना चाहिए। जल संरक्षण कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। पालकमंत्री राठौड़ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में कार्यों का सुझाव देते समय कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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