जिला परिषद् ने लिया निर्णय, 65 शिक्षक स्वयंसेवकों को करेगी भर्ती; इतना देगी मानदेय

- 5,000 रुपये दिये जाएंगे प्रतिमाह
नागपुर. जिला परिषद की प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में 750 शिक्षकों के पद रिक्त होने के चलते बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. जून महीने में हुई आमसभा में भंडारा जिला परिषद की तर्ज पर यहां भी मानधन पर शिक्षकों की नियुक्ति की मांग सत्ताधारी के साथ ही विरोध पक्ष के सदस्यों में रखी थी. मानधन के लिए सेसफंड या फिर कंपनियों के सीएसआर फंड से निधि की व्यवस्था करने पर भी चर्चा हुई थी. जुलाई महीने में शिक्षा समिति की सभा में पहले चरण में 50 शिक्षक स्वयंसेवकों की 5,000 रुपये महीने के मानधन पर भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. उसके लिए सेसफंड के विविध 8 योजनाओं के शेष निधि से 29.79 लाख रुपयों की व्यवस्था की गई. 30 अगस्त को शिक्षाधिकारी रोहिणी कुंभार ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक में 59 और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक में 6 शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी है.
100 रुपये के स्टाम्प पर कांटेक्ट
5,000 रुपये मानधन पर कार्य के इच्छुकों को 100 रुपये के स्टाम्प पर उन्हें सभी शर्तों-नियमों आदि को स्वीकार करने की लिखित शपथ पत्र देना होगा. यह शिक्षक स्वयंसेवक पद अस्थायी होगा. इनकी भर्ती शिक्षाधिकारी के अधीन संबंधित शाला व्यवस्थापन समिति के माध्यम से होगा. जिला परिषद सदस्यों की मानें तो ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी इतनी है कि एक पद के लिए अनेक सुशिक्षित उम्मीदवार संपर्क कर रहे हैं.
पुणे में 24,000 रुपये मानधन
बताते चलें कि राज्य के नवी मुंबई में कांटेक्ट पर शिक्षकों को 25 हजार रुपये महीना और पुणे में 24 हजार रुपये महीने दिया जाता है. नागपुर में मात्र 5,000 रुपये महीने के मानधन पर यह भर्ती की जा रही है. इसका शिक्षक संगठनों की ओर से विरोध भी हो सकता है.

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