Chandrayan-3: 'मैं चाँद पर पहुँच गया और आप भी', सॉफ्ट लैंडिंग के बाद विक्रम ने भेजा पहला संदेश

बंगलुरु: भारत ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारत का चंद्रयान 3 मिशन सफल हो गया है और इसरो द्वारा भेजा गया यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर गया है। विक्रम लैंडर ने शाम 6:05 बजे चंद्रमा पर चंद्रयान की सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। इसरो ने 14 जुलाई को यह अंतरिक्षयान अंतरिक्ष में भेजा था। अंतरिक्ष यान ने श्रीहरिकोटा से चंद्रमा की ओर उड़ान भरी और 41 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रमा पर उतरा।
सफल लैंडिंग के बाद अब विक्रम लैंडर के खतरे का पता लगाने वाले कैमरे सक्रिय हो जाएंगे। लैंडिंग के बाद के खतरों की जांच करने और यह महसूस करने के बाद कि सब कुछ ठीक है, प्रज्ञान रोवर चंद्रयान से बाहर आएगा। इसके बाद रोवर चंद्रमा की यात्रा करेगा और वहां विभिन्न प्रयोग करेगा। दावे किये जाते हैं कि चंद्रमा पर पानी और खनिज हैं। इसकी जानकारी जुटाकर इसरो को भेजी जाएगी।
इसरो वैज्ञानिकों ने विश्वास जताया है कि चंद्रयान और प्रज्ञान रोवर अब अपना अगला काम अच्छे से करेंगे। इस बीच चंद्रयान 3 ने अपनी सफल लैंडिंग के बाद इसरो को एक खास संदेश भेजा है। इस संदेश को इसरो ने ट्विटर पर शेयर किया है। "मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया हूं और आप भी!" ऐसा संदेश चंद्रयान ने भेजा है। भारत को भी बधाई दी गई है।
Chandrayaan-3 Mission:
'India🇮🇳,
I reached my destination
and you too!'
: Chandrayaan-3
Chandrayaan-3 has successfully
soft-landed on the moon 🌖!.
Congratulations, India🇮🇳!#Chandrayaan_3#Ch3— ISRO (@isro) August 23, 2023
इस मिशन के लिए इसरो ने 615 करोड़ रुपये का बजट रखा है। किसी अंतरमहाद्वीपीय अभियान पर यह सबसे कम लागत है। रूस के लूना 25 मून मिशन का बजट 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा था।
भारत का चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर चुका है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना झंडा फहराने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान उतारना सबसे कठिन है। समतल सतह न होने के कारण यहां का तापमान शून्य से 230 डिग्री सेल्सियस नीचे रहता है। दावा किया जाता है कि दक्षिणी ध्रुव में पानी और प्रमुख खनिज मौजूद हैं। इसीलिए इसरो ने दक्षिणी ध्रुव पर अपना अंतरिक्ष यान उतारा है।

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