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मध्यप्रदेश के डॉक्टर ने हिंदी में लिखा प्रिस्क्रिप्शन, RX की जगह श्रीहरी लिखा


सतना: मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने एमबीबीएस पढ़ाई हिंदी में कराये जाने का निर्णय लिया है.इस निर्णय के साथ बीते दिनों देश के गृहमंत्री ( जिनके अधीन राजभाषा ) विभाग भी आता है मेडिकल की पढाई में इस्तेमाल होने वाली पुस्तकों जो हिंदी में थी उसका विमोचन भी किया। एमपी पहला ऐसा राज है जिसने हिंदी को लेकर यह अहम फैसला लिया है.अब यह फैसला जमीनी स्तर पर अमल में लाये जाने की शुरुवात हो चुकी है.वह भी मध्य प्रदेश से ही। 

सतना जिले के कोटर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. सर्वेश सिंह ने इलाज कराने आए मरीज की जांच कर पर्चा हिंदी में लिखा। उन्होंने पर्चे में RX की जगह श्रीहरि से शुरुआत की। इतना ही नहीं दवाइयों के नाम भी हिंदी में लिखे। दरअसल, रविवार को मप्र में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी कराने की शुरुआत हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए तीन किताबों का विमोचन किया था। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी डॉक्टरों से पर्चा हिंदी में लिखने की अपील की थी। इसके बाद ही डॉ. सर्वेश ने यह पहल की।

हिंदी में पर्चा लिखने वाले सतना के डॉ. सर्वेश सिंह मध्य प्रदेश के पहले डॉक्टर हैं तो कोटर पीएचसी में गांव लौलाछ की रश्मि सिंह पहली मरीज। जिनकी सेहत का हाल और दवाइयां हिंदी में लिखी गई हैं। रश्मि कोटर स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण कराने पहुंची थीं। डॉ. सिंह ने पर्चे की शुरुआत RX के बजाय श्रीहरि लिख कर की। बीपी, शुगर लेवल, पल्स रेट वगैरह हिंदी में दर्ज किया, फिर सभी दवाओं के नाम भी हिंदी में ही लिखे। सरकारी अस्पताल में नई परंपरा शुरू करने के साथ डॉ.सिंह ने इसे अपने निजी क्लिनिक में भी अपनाया है. उन्होंने यहां आई मरीज सुरेखा शर्मा के पर्चे में भी हिंदी में ही दवाएं लिखीं।