अब धर्मानतरण करवाने वाले को होगी फांसी की सजा, राज्य सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में संसोधन का किया ऐलान
भोपाल: देश में जबरन धर्मातरण एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। अपराधी अन्य धर्मो की युवती को फंसते हैं और फिर उन्हें जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर करते हैं। वहीं आदिवासी क्षेत्रों में अन्य तरह की लालच लेकर उन्हें अन्य धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर करते हैं। देश में पिछले कई सालों से ऐसी घटाओं को लेकर कड़े कानून बनने की मांग की जा रही है। वहीं अब ऐसे अपराधों में शामिल अपराधियों को मृत्यदंड देने के लिए कानून में संशोधन की तैयारी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने जबरन धर्मान्तरण करने वालों को फांसी की सजा देने की बात कह दी है। प्रावधान के लिए राज्य सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में संसोधन करने का भी ऐलान कर दिया है।
दुनियाभर में आठ मार्च को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी के तहत राजधानी भोपाल में महिला एवं बाल विकास, पुलिस और ग्रामीण पंचायत तीनों विभागों का एक संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित राज्य कैबिनेट के मंत्री और विधायक मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री ने महिलाओं को लेकर सरकार द्वार किये जा रहे कामों का लेखा जोखा पेश किया। इस दौरान 1 करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई गई।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मोहन यादव ने कहा कि, "हमारी सरकार धर्मांतरण और दुराचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। अपराधियों या धर्मांतरण में शामिल लोगों के लिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें मृत्युदंड मिले।" उन्होंने आगे कहा, "धर्मांतरण और दुराचरण किसी भी तरह की व्यवस्था के खिलाफ सरकार ने संकल्प लिया है कि हम अपने समाज के अंदर इन कुरीतियों को बढ़ावा नहीं देंगे।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वाले मामले में सरकार बहुत कठोर है, इसलिए इस फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।हमारी सरकार जोर जबरदस्ती और बहला फुसलाकर दुराचार करने वालों को छोड़ने वाली नहीं है. हम किसी भी हालत में ऐसे लोगों को जिंदगी जीने का अधिकार नहीं देना चाहते हैं।"
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