logo_banner
Breaking
  • ⁕ प्रशासन द्वारा समय पर लिया गया सुओ मोटो, राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता पंजीकरण को रोकने में सफल ⁕
  • ⁕ Nagpur: खापरखेड़ा पुलिस की बड़ी कार्रवाई; अवैध रेती तस्करी का भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ नागपुर में 'I LOVE Muhammad' की दस्तक; ताजबाग इलाके में लगे बैनर, पुलिस जाँच शुरू ⁕
  • ⁕ Bhandara: विधायक के कार्यक्रम में बड़ा हादसा, गायन कार्यक्रम के दौरान मंच गिरा; विधायक नरेंद्र भोंडेकर और कई कार्यकर्ता नीचे गिरे ⁕
  • ⁕ विदर्भ में 1 से 5 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश का खतरा, IMD ने जारी किया 'येलो' अलर्ट; किसानों की चिंता बढ़ी ⁕
  • ⁕ ‘लाडली बहन योजना’ लाभार्थियों को तकनीकी अड़चनों का करना पड़ रहा सामना, ई-केवाईसी प्रक्रिया में समस्या से महिलाओं में नाराजगी ⁕
  • ⁕ राज्य में अतिवृष्टि से हुआ 60 लाख हेक्टेयर में लगी फसलों का नुकसान, मुख्यमंत्री ने कहा- अकाल के दौरान किये जाने वाले सभी उपाए किये जाएंगे लागु ⁕
  • ⁕ Gadchiroli: श्रीरामसागर जलाशय से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी, गढ़चिरोली के सिरोंचा में बाढ़ आने की आशंका ⁕
  • ⁕ Yavatmal: यवतमाल के वणी में आदिवासी समाज का भव्य आरक्षण बचाव मोर्चा ⁕
  • ⁕ पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ में विलय, विधायक सुधाकर अडाबले ने निर्णय का किया स्वागत ⁕
National

अब 5G कनेक्टिविटी से जुड़ा दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र - ‘सियाचिन ग्लेशियर’


लद्दाख: बुधवार 15 जनवरी को सेना दिवस के अवसर पर रिलायंस जियो ने भारतीय सेना के साथ मिलकर दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर तक अपने 4G और 5G नेटवर्क का विस्तार करके एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। 

सेना सिग्नलर्स के समर्थन से, रिलायंस जियो इस कठोर और दुर्जेय क्षेत्र में निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने वाला पहला दूरसंचार ऑपरेटर बन गया है। अपनी स्वदेशी फुल-स्टैक 5G तकनीक का लाभ उठाते हुए, रिलायंस जियो ने अग्रिम चौकी पर प्लग-एंड-प्ले प्री-कॉन्फ़िगर उपकरण को सफलतापूर्वक तैनात किया।

यह उपलब्धि सेना के सिग्नलर्स के साथ समन्वय से संभव हुई, जिसमें योजना से लेकर कई प्रशिक्षण सत्र, सिस्टम प्री-कॉन्फ़िगरेशन और व्यापक परीक्षण शामिल थे। भारतीय सेना ने जियो के उपकरणों को सियाचिन ग्लेशियर तक पहुंचाने सहित रसद प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सहयोग ने कराकोरम रेंज में 16,000 फीट की ऊंचाई, जहां तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक गिरता हो, वहां कनेक्टिविटी सुनिश्चित की है।