एसिडिटी में इस्तेमाल होने वाली इन दवाइयों से कैंसर की होती है संभावना,सरकार ने आवश्यक दवाइयों की लिस्ट से इन्हे हटाया

दिल्ली- अगर आप एसिडिटी से हमेशा परेशान रहते है और इससे छुटकारा पाने के लिए गोलियों का इस्तेमाल करते है तो सावधान रहे.एसिडिटी के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाइयां कैंसर कारक साबित हो सकती है.जिसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आवश्यक दवाइयों की लिस्ट से जिन दवाइयों को हटाया है उनमे एसिडिटी में इस्तेमाल होने वाली कुछ प्रमुख दवाइयां भी शामिल है.
केंद्रीय आरोग्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दो दिन पूर्व ही नेशनल लिस्ट ऑफ़ एसेंशियल (अतिआवश्यक)मेडिसिन की सुधारित लिस्ट जारी की है जिसमे 27 श्रेणीयों में 384 दवाइयों का नाम शामिल है.इस लिस्ट में ranitidine शामिल नहीं है.सामान्यतः एसिडिटी होने पर इस दवाई के इस्तेमाल का सुझाव होता है.ranitidine कंटेंट की दवाई कई ब्रांड नेम से उपलब्ध है लेकिन इस दवाई के कैंसर होने की संभावना को देखते हुए इसे स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिआवश्यक दवाईयों की श्रेणी से हटा दिया गया है.
NLEM की नयी लिस्ट में इवरमेक्टिन, मुपिरोसिन समेत निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी में इस्तेमाल होने वाली संक्रमणरोधी दवाइयों को शामिल किया गया है.लिस्ट में रेनिटिडाइन, सुक्रॅफेट, व्हाईट पेट्रोलॅटम, एटेनोलॉल और मिथाइलडोपा नामक दवाइयों को हटा दिया गया है.
एसिडिटी के बाद छाती में होने वाली जलन के लिए रॅन्टॅक नामक दवाई को भी अतिआवश्यक दवाई की लिस्ट के हटा दिया गया है.खास है की अमेरिका ने इस दवाई पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है.अब ठीक ऐसा ही कदम भारत में भी उठाया गया है.
इन निम्नलिखित दवाइयों को लिस्ट से हटाया गया है.
- Alteplase
- Atenolol
- Bleaching Powder
- Capreomycin
- Cetrimide
- Chlorpheniramine
- Diloxanide furoate
- Dimercaprol
- Erythromycin
- Ethinylestradiol
- Ethinylestradiol(A) Norethisterone (B)
- Ganciclovir
- Kanamycin
- Lamivudine (A) + Nevirapine (B) + Stavudine (C)
- Leflunomide
- Methyldopa
- Nicotinamide
- Pegylated interferon alfa 2a, Pegylated interferon alfa 2b
- Pentamidine
- Prilocaine (A) + Lignocaine (B)
- Procarbazine
- Ranitidine
- Rifabutin
- Stavudine (A) + Lamivudine (B) 25. Sucralfate
- White Petrolatum

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