logo_banner
Breaking
  • ⁕ चांदी ने पार किया दो लाख रुपये का आंकड़ा, सौर और ईवी उद्योगों से भारी मांग के चलते चांदी में भारी तेजी ⁕
  • ⁕ बालभारती की नकली किताब प्रिंटिंग प्रेस पर एमआईडीसी पुलिस का छापा, 20 हजार से ज्यादा फेक पाठ्यपुस्तकें जब्त ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती-मुंबई फ्लाइट सर्विस हफ्ते में सिर्फ दो दिन; बदला गया टाइमिंग ⁕
  • ⁕ Bhandara: NH-53 पर भीषण हादसा, फल से भरी पिकअप वैन टिप्पर से टकराई, दो युवक गंभीर घायल ⁕
  • ⁕ Parshivni: पारशिवनी में रेती तस्करी का खुला खेल, पालोरा रेती घाट से करोड़ों की रेती चोरी ⁕
  • ⁕ पेंच टाइगर रिजर्व में जल्द शुरू होगी सोलर बोट सफारी, वन विभाग ने प्रदूषण-मुक्त बोट का ट्रायल किया शुरू ⁕
  • ⁕ भाजपा में टिकट के दावेदारों की भारी भीड़, नागपुर मनपा चुनाव को लेकर साक्षात्कार कार्यक्रम बदला ⁕
  • ⁕ नई विधानसभा निर्माण प्रोजेक्ट में बढ़ा विवाद, पेड़ो की कटाई को लेकर पर्यावरणवादियों ने खोला मोर्चा ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ मनपा के बाद ZP–पंचायत समिति चुनाव जल्द जनवरी के अंतिम सप्ताह में मतदान की संभावना ⁕
Maharashtra

श्रमिक हितों को ध्यान में रखकर बनेगी नई नीति, श्रमिक संघों से सुझाव लेने के बाद होंगे बदलाव : श्रम मंत्री आकाश फुंडकर


मुंबई: महाराष्ट्र में श्रमिकों से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य के श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नई नीति या नियम को लागू करने से पहले श्रमिक संघों के सुझावों और मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के स्वास्थ्य, वित्तीय सुरक्षा और पारिवारिक हितों को केंद्र में रखकर ही नए प्रावधान तैयार होंगे, ताकि बदलाव सिर्फ कागजी न रहकर वास्तविक और प्रभावी साबित हों। 

मंगलवार को श्रम मंत्री फुंडकर ने भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान बोलते हुए उन्होंने यह बात कही। बैठक में श्रम विभाग के प्रमुख सचिव एआई कुंदन, डॉ. तुम्मोड और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री फुंडकर ने कहा कि, "सुधार आवश्यक हैं क्योंकि दशकों से चले आ रहे नियम बदलते समय के साथ अपर्याप्त होते जा रहे हैं। ये बदलाव केवल औपचारिक नहीं होने चाहिए, बल्कि श्रमिकों के हित में और व्यापक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की प्रतिक्रिया, भागीदारी और सुझावों के बाद ही आगे के निर्णय लिए जाएँगे।

श्रम नियमों को लागू करने से पहले मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी और उन्हें अध्ययन के लिए श्रमिक संघों को दिया जाएगा। श्रमिकों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा से लेकर वित्तीय और पारिवारिक समस्याओं पर विचार करने के बाद नियमों में सकारात्मक और लाभकारी बदलाव किए जाएँगे। विभाग नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भी प्रयास करेगा।