श्रमिक हितों को ध्यान में रखकर बनेगी नई नीति, श्रमिक संघों से सुझाव लेने के बाद होंगे बदलाव : श्रम मंत्री आकाश फुंडकर

मुंबई: महाराष्ट्र में श्रमिकों से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य के श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नई नीति या नियम को लागू करने से पहले श्रमिक संघों के सुझावों और मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के स्वास्थ्य, वित्तीय सुरक्षा और पारिवारिक हितों को केंद्र में रखकर ही नए प्रावधान तैयार होंगे, ताकि बदलाव सिर्फ कागजी न रहकर वास्तविक और प्रभावी साबित हों।
मंगलवार को श्रम मंत्री फुंडकर ने भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान बोलते हुए उन्होंने यह बात कही। बैठक में श्रम विभाग के प्रमुख सचिव एआई कुंदन, डॉ. तुम्मोड और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री फुंडकर ने कहा कि, "सुधार आवश्यक हैं क्योंकि दशकों से चले आ रहे नियम बदलते समय के साथ अपर्याप्त होते जा रहे हैं। ये बदलाव केवल औपचारिक नहीं होने चाहिए, बल्कि श्रमिकों के हित में और व्यापक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की प्रतिक्रिया, भागीदारी और सुझावों के बाद ही आगे के निर्णय लिए जाएँगे।
श्रम नियमों को लागू करने से पहले मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी और उन्हें अध्ययन के लिए श्रमिक संघों को दिया जाएगा। श्रमिकों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा से लेकर वित्तीय और पारिवारिक समस्याओं पर विचार करने के बाद नियमों में सकारात्मक और लाभकारी बदलाव किए जाएँगे। विभाग नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भी प्रयास करेगा।

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