मुंबई, पुणे और नागपुर में स्थापित होंगे AI केंद्र, महाराष्ट्र सरकार और आईबीएम टेक्नोलॉजी के बीच हुआ करार

मुंबई: महायुति सरकार (Mahayuti Government) ने प्रशासनिक कार्यों (Administrative Work) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की मौजूदगी में राज्य सरकार और आईबीएम टेक्नोलॉजी (IBM Technologies) के बीच समझौता करार किया गया। इस समझौते के तहत मुंबई (Mumbai), पुणे (Pune) और नागपुर (Nagpur) में तीन एआई कौशल और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जायेंगे।
राज्य की महायुति सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लगातार बढ़ावा देने में लगी हुई। सरकार सहित विभिन्न योजनाओं और कामों में एआई का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। सरकार ने एआई का इस्तेमाल अब प्रशासनिक कामों में भी इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में महाराष्ट्र सरकार और आईबीएम टेक्नोलॉजी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। इस दौरान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित अधिकारी भी मौजूद रहे।
समझौते के तहत राज्य के तीन शहरों में एआई कौशल और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जायेंगे। मुंबई, पुणे और नागपुर में यह तीन केंद्र स्थापित होंगे। मुंबई में भौगोलिक विश्लेषण के लिए, पुणे में फोरेंसिक विज्ञान बुनियादी ढांचे के लिए और नागपुर में उन्नत एआई अनुसंधान और मार्वल कार्यान्वयन प्रौद्योगिकी के लिए होगा।
समझौते का उद्देश्य एआई, हाइब्रिड क्लाउड, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और स्वचालन जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक प्रभावी, तीव्र और नागरिक-केंद्रित बनाना है। यह समझौता वर्चुअल असिस्टेंट और एजेंटिक एआई की मदद से सरकारी सेवाओं को अधिक सुलभ और व्यक्तिगत बना देगा। एआई मॉडल का स्वामित्व महाराष्ट्र सरकार के पास होगा और तकनीक पर पूरा नियंत्रण सरकार का होगा सरकार आईबीएम के प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म का उपयोग करके सरकारी कर्मचारियों और छात्रों को एआई, साइबर सुरक्षा और क्लाउड प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित किया जाएगा।

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