नागपुर में प्रादेशिक न्यायसहायक वैज्ञानिक प्रयोगशाला की नई इमारत का मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया भूमिपूजन, फॉरेंसिक जांच को मिलेगी आधुनिक रफ्तार

नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने रविवार को नागपुर में प्रादेशिक न्यायसहायक वैज्ञानिक प्रयोगशाला (Regional Judicial Auxiliary Scientific Laboratory) की नई इमारत का भूमिपूजन किया। शहर के धंतोली परिसर में बनने वाली यह प्रयोगशाला सात मंजिला होगी और फॉरेंसिक सहित तमाम आधुनिक तकनीक से लैस होगी। इसी के साथ मुख्यमंत्री फडणवीस ने कई और परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक डॉ. ठाकरे ने प्रस्तावना में विभाग की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान गृह (ग्रामीण) एवं आवास राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर, सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधान परिषद सदस्य संदीप जोशी, विधायक संजय मेश्राम, महानिदेशक (न्यायिक एवं तकनीकी) संजय वर्मा सहित अधिकारी मौजूद थे।
न्यायिक सहायता प्रयोगशाला के कारण महाराष्ट्र की आपराधिक दोषसिद्धि दर 9 प्रतिशत से बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है, ऐसा बताते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, न्याय संहिता में तीन महत्वपूर्ण बदलावों के कारण तकनीक आधारित न्यायिक सहायता प्रयोगशालाएँ समय की माँग हैं। जब तक स्मार्ट साइबर अपराधी दो कदम आगे नहीं बढ़ेंगे, अपराधों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता।"
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "जैसे-जैसे हम विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, दोषसिद्धि दर को 90 प्रतिशत तक लाना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार ब्लॉकचेन की क्रांतिकारी तकनीक का सहारा ले रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में कोई भी ऑनलाइन प्रणाली साइबर अपराधियों द्वारा हैक न की जा सके।
संवेदनशील अपराधों में फोरेंसिक रिपोर्ट तत्काल
समय पर न्याय दिलाने के लिए दो से ज़्यादा तारीख़ें न लेनी पड़ें, इसके लिए संशोधन किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की मदद से पुख़्ता सबूत तैयार करके अपराध साबित करने पर ध्यान देना ज़रूरी है। महिला एवं बाल उत्पीड़न तथा वित्तीय धोखाधड़ी जैसे संवेदनशील मामलों में फोरेंसिक रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।

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