Delhi Liquor Scam: शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गिरफ्तार

नई दिल्ली: कथित शराब घोटाले मामले (Delhi Liquor Scam) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया है। करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया। सिसोदिया की गिरफ़्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमलावर हो गई है। आप ने आज के दिन को लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया है। सोमवार दोपहर 12 बजे सीबीआई सिसोदिया को अदालत में पेश करेगी।
बुरे कर्मों के पाई-पाई का हिसाब देना होगा
सिसोदिया की गिरफ्तार पर सभी नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। भाजपा सांसद प्रवेश सिंह वर्मा ने सीबीआई की कार्रवाई का स्वागत किया है। वर्मा ने लिखा, "जैसी करनी-वैसी भरनी।। “AAP” के हर एक भ्रष्टाचारी जिसने दिल्ली को बर्बाद किया सब जेल जाएँगे, बुरे कर्मों के पाई-पाई का हिसाब देना होगा। आज मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए है, असली मास्टर माइंड अरविंद केजरीवाल भी एक दिन जरूर सलाखों के पीछे होगा।
जैसी करनी-वैसी भरनी।।
“AAP” के हर एक भ्रष्टाचारी जिसने दिल्ली को बर्बाद किया सब जेल जाएँगे, बुरे कर्मों के पाई-पाई का हिसाब देना होगा। आज मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए है, असली मास्टर माइंड अरविंद केजरीवाल भी एक दिन जरूर सलाखों के पीछे होगा।— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) February 26, 2023
सीबीआई मुख्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात
सिसोदिया की गिरफ़्तारी के बाद सीबीआई मुख्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के विरोध को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने यह तैनाती की गई है। पुलिस के साथ दंगा नियंत्रण फाॅर्स को भी लगाई गई है।
Delhi | Rapid Action Force (RAF) deployed outside the CBI headquarters after Deputy CM Manish Sisodia was arrested in connection with liquor policy case. pic.twitter.com/BT7D17aySX
— ANI (@ANI) February 26, 2023
क्या है दिल्ली शराब घोटाला?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई।

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