एनआईटी बोर्ड का सदस्य पर चर्चा; विधायक सुलभा खोडके के नाम की सिफारिश, स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष

नागपुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की विधायक सुलभा खोडके की एसआईटी की ट्रस्टी पद पर नियुक्ति की सिफारिश की गयी है. अगर ये नियुक्ति को जाती है तो एनआइटी बोर्ड में राजनीतिक तौर पर नियुक्ति किये गए सदस्यों की संख्या तीन हो जायेगी. खास बात यह है कि पार्टी के इस निर्णय की वजह से जहां नागपुर के स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष व्यक्त हो गया है तो वहीं सवाल ये भी उठ रहे हैं कि किसी बाहर के जिले के व्यक्ति की नियुक्ति नागपुर में विकास काम की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी के बोर्ड में क्यों की जा रही है?
शहर में विकास की जिम्मेदारी दो एजेंसियों पर है. एक नागपुर महानगर पालिका और दूसरी नागपुर सुधार प्रन्यास. एनआईटी में विकास कामों से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय ट्रस्टी बोर्ड में लिए जाते है. 12 सदस्यीय इस बोर्ड में पांच सदस्य सरकार की ओर से नियुक्त होते हैं. नगरसेवकों के प्रतिनिधित्व के तौर पर मनपा का एक नगरसेवक और स्थाई समिति अध्यक्ष भी बोर्ड में सदस्य होते है लेकिन फिलहाल मनपा की बॉडी अस्तित्व में नहीं है इसलिए ये दोनों नियुक्तियां नहीं है. विधायकों के प्रतिनिधित्व के तौर पर कृष्णा खोपड़े हालही में ट्रस्टी बनाये गए हैं, जबकि शिवसेना शिंदे गुट की ओर से संदीप इटकेलवार ट्रस्टी हैं.
गठबंधन की सरकार में समान प्रतिनिधित्व के तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार गुट को बोर्ड के एक सदस्य को नियुक्त करने का अधिकार दिए जाने की चर्चा है. इसी के तहत अमरावती से विधायक सुलभा खोडके के नाम की सिफारिश की गयी है. अगर ये नियुक्ति को जाती है तो बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियों की संख्या तीन हो जायेगी. लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस निर्णय की वजह से पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष है. हालाँकि ऐसा कोई नियम नहीं है की किसी दूसरे जिले के व्यक्ति को नागपुर सुधार प्रन्यास का ट्रस्टी नहीं बनाया जा सकता है.

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