"समय पर सही तरीके से होती नालों की सफाई तो नहीं जमा होता पानी", नागपुर में हुए जलभराव को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों को लिया आड़े हाथ

नागपुर: नागपुर शहर में अगर नालों की सफाई समय पर और सही तरीके से की गई होती, तो शहर में बारिश का पानी जमा होने की नौबत ही नहीं आती। इन शब्दों में, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने से कहा है। नागपुर जैसे शहर में इतनी बड़ी मात्रा में पानी कैसे जमा हो जाता है? उन्होंने सवाल उठाया। क्या नालों की सफाई के नाम पर सिर्फ़ दिखावा किया गया? उन्होंने यह सवाल उठाकर मनपा अधिकारीयों को सकते में डाल दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने अधिकारियों को सात दिनों के भीतर शहर में हुए नुकसान का स्पॉट ऑडिट करके रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है।
शनिवार को उपराजधानी के सदर स्थित नियोजन भवन में नागपुर जिला सहित शहर में विकास कार्यों की समीक्षा की गई। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अगुवाई में आयोजित इस बैठक में जिलाधिकारी, मनपा, मेट्रो के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में रविवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक हुई बारिश और जलजमाव और उससे हुए नुकसान की समीक्षा भी की।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर महानगर पालिका के अधिकारीयों को बारिश और उसके बाद उत्पन्न हुई स्थिति पर आड़े हाथ लेते हुए खूब खरी खोटी सुनाई। मनपा की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "अगर नालों की सफाई समय पर और सही तरीके से की गई होती, तो शहर में बारिश का पानी जमा होने की नौबत ही नहीं आती। अगर नालों की सफाई और कार्गो चैनलों का काम मानसून से पहले किया गया था, तो यह स्थिति क्यों पैदा हुई? नागपुर जैसे शहर में इतनी बड़ी मात्रा में पानी कैसे जमा हो जाता है? क्या नालों की सफाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया गया? ऐसा सवाल भी पूछा।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, काम में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। गडकरी ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि अगर मैं किसी के पीछे पड़ गया, तो मैं उन्हें छोड़ूँगा नहीं। उन्होंने कहा है कि जानबूझकर बेईमानी करने वालों और भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है। बैठक में बेसा-बेलतरोड़ी, पिपला में हुए जलभराव को लेकर अधिकारियों के जवाब पर नाखुशी जताई है। यही नहीं गडकरी ने अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। इसी के केंद्रीय मंत्री ने अधिकारीयों को सात दिनों के भीतर शहर में हुए नुकसान का स्पॉट ऑडिट करके रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है।
मध्य प्रदेश सीमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग की डीपीआर को मंजूरी
इस बैठक के दौरान, कामठी शहर में मेट्रो के लिए ड्रैगन पैलेस, कामठी में ड्रैगन पैलेस मेट्रो स्टेशन के निर्माण और शहर में अतिक्रमण हटाने के संबंध में चर्चा की गई। इसके अलावा, लंदन स्ट्रीट (ऑरेंज सिटी स्ट्रीट) की वर्तमान स्थिति, नागपुर शहर के मौजा बिनाकी, सोनार टोली में रेलवे अंडरपास और फ्लाईओवर के पास यातायात की समस्या का समाधान, कामठी-अजानी-गुमथला मार्ग पर कार्य, खरांगना-कोंढाली-काटोल-सावरगांव-वडचिचोली मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा प्रदान करना, मौदा-माथानी-चापेगाड़ी-कुही राज्यमार्गों के लिए धन उपलब्ध कराना और करंजा-लोहारिसावांगा-भारसिंगी-खरसोली-नरखेड से मध्य प्रदेश सीमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी देने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
महादेव टेकड़ी से हनुमान मंदिर तक रोपवे कार्य
इसके साथ ही बैठक में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इनमें नागपुर-छिंदवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर से आर्चिड स्कूल तक जाने वाली सड़क का निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग 353डी उमरेड रोड को चार लेन का बनाना, गोंडखेड़ी-भंडारा बाईपास रोड पर सर्विस रोड और पांजरा में मुख्य चौक पर सड़क का निर्माण, श्री कोराडी महालक्ष्मी मंदिर के अंतर्गत श्री महादेव टेकड़ी से हनुमान मंदिर तक रोपवे कार्य के लिए निधि का प्रावधान, दहेगांव-कामठी-अजानी-बड़ौदा-कुही राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए निधि का प्रावधान, नागपुर लोकसभा क्षेत्र में दिव्यांगों को ई-रिक्शा और अन्य सामग्री के वितरण के लिए निधि का प्रावधान, और मुरादपुर उपसा सिंचाई योजना के अंतर्गत बूस्टर पंप के लिए निधि का प्रावधान शामिल है।

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