चंद्रपुर जिला बैंक चुनाव में मतदाताओं को लाखों का लालच और पर्यटन का प्रलोभन, चुनाव से पहले ही जमकर ‘डीलबाजी’

चंद्रपुर: जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक पद के चुनाव इस बार जबरदस्त चर्चा में हैं, जहां हर तालुका और गट में मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर पैसे और पर्यटन का लालच दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, एक-एक वोट की कीमत 10 लाख रुपये तक लगाई जा रही है। कोरपना तहसील के 'अ' गट में जब कांग्रेस के विजय बावणे का नामांकन रद्द हुआ, तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय प्राप्त किया और कोर्ट से पक्ष में फैसला आने के बाद उन्होंने अपने सभी मतदाताओं को पर्यटन पर भेज दिया, जिससे प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार असहाय हो गए।
यही हाल अन्य गटों और तालुकों में भी है, जहां हर उम्मीदवार मतदाताओं को आर्थिक और भौतिक सुविधाएं देकर लुभा रहा है। कुल 21 संचालक पदों में से 12 पर पहले ही आपसी समझौते के आधार पर बिनविरोध निर्वाचन हो चुका है, जिनमें से कई प्रत्याशी नामी जनप्रतिनिधि रहे हैं। सांसद प्रतिभा धानोरकर भी बिनविरोध विजयी हो चुकी हैं, जबकि कुछ विधायकों और नेताओं ने नामांकन दाखिल करने के बाद नाम वापस ले लिया। अब केवल 9 संचालक पद के लिए मतदान शेष है और इन्हीं पर चुनावी घमासान जोरों पर है।
हाल ही में बैंक में हुई बड़े पैमाने पर पदभरती के बाद यह संस्था प्रभावशाली नेताओं और व्यापारी गुटों के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गई है, क्योंकि बैंक पर नियंत्रण का अर्थ पूरे जिले की सहकारी व्यवस्था पर पकड़ से है। इस चुनाव में जिस तरह नेताओं ने स्वयं मैदान में उतरकर कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया है या मतदाताओं को ‘ट्रिप’ पर भेजा गया है, उसने स्थानीय राजनीति पर कई सवाल खड़े किए हैं।

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