नागपुर जि.प. आरक्षण ने उलझाए समीकरण, महिला आरक्षण ने कई 'बादशाहों' को किया बाहर

नागपुर: नागपुर जिला परिषद के आगामी चुनावों के लिए सर्कल आरक्षण की लॉटरी ने बड़े राजनीतिक उलटफेर किए हैं। महिलाओं और SC/ST के लिए आरक्षण के कारण पूर्व उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे, आनंदराव राऊत समेत कई दिग्गज नेताओं की अध्यक्ष पद की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। इस लॉटरी ने जहाँ कई नेताओं को निराश किया है, वहीं कुछ नेताओं के लिए नए अवसर खोले हैं, लेकिन आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
वियो: जिला परिषद के सर्कल आरक्षण की लॉटरी ने कई बड़े धुरंधरों का सियासी भविष्य अधर में लटका दिया है। सोमवार को जैसे ही आरक्षण की घोषणा हुई, कई दिग्गज नेताओं की अध्यक्ष बनने की उम्मीदें धूमिल हो गईं। आरक्षण की इस लॉटरी में, जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे और अनिल निधान जैसे प्रमुख दावेदारों के अपने-अपने सर्कल महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं।
कुंभारे के केलवद और तेलकामठी, दोनों सर्कल ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं, जिससे उनकी पत्नी के लिए तो मौका है, लेकिन उनकी व्यक्तिगत दावेदारी समाप्त हो गई है।
दूसरी ओर, भाजपा के वरिष्ठ सदस्य व्यंकट कारेमोरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस के सलिल देशमुख जैसे नेताओं के लिए ओबीसी आरक्षण ने नए रास्ते खोल दिए हैं। वहीं, पूर्व अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे का पाटणसावंगी सर्कल सर्वसाधारण होने से उनके फिर से मैदान में उतरने की प्रबल संभावना है। हालांकि, इस आरक्षण प्रक्रिया को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है।
कई नेताओं ने निराशा जताई है, तो कुछ ने सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति का आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में नहीं निकाला गया है। नागपुर जिला परिषद की यह लॉटरी, अब नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म देने वाली है।

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