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Maharashtra

Nashik-Trimbakeshwar Simhastha: 1100 करोड़ खर्च कर तैयार होगी कुंभ नगरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया ऐलान


नाशिक: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नासिक दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने त्र्यंबकेश्वर स्थित ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये। इस दौरान फडणवीस ने संतों और महंतों से मुलाकात भी की। दौरे के दौरान फडणवीस ने 2027 में अगस्त से नवंबर तक त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के संबंध में समीक्षा बैठक की। जहां उन्होंने प्रयागराज में हुए कुंभ की तर्ज पर व्यवस्था करने का ऐलान किया।  इसके लिए मुख्यमंत्री ने 1100 करोड़ रूपये खर्च करने का ऐलान भी किया।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने नासिक में कुशावर्त तीर्थ त्र्यंबकेश्वर का निरीक्षण किया है। प्रशासन ने त्र्यंबकेश्वर के लिए विकास योजना तैयार की है। मैंने उनका प्रेजेंटेशन ले लिया है। हम सिंहस्थ कुंभ मेले के अवसर पर नासिक का विकास कर रहे हैं। इसी प्रकार त्र्यम्बकेश्वर का भी विकास होना चाहिए। त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 1100 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। हम इसे दो चरणों में कर रहे हैं।

पहला चरण सिंहस्थ कुंभ मेले तक पूरा हो सकता है, और दूसरा चरण वह है जिसमें कुछ काम होगा। इस योजना में दर्शन के लिए गलियारे का निर्माण, पार्किंग व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, वहां के विभिन्न तालाबों का जीर्णोद्धार, वहां के प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्धार, एएसआई की मध्यस्थता के माध्यम से वास्तविक मंदिर का जीर्णोद्धार तथा कई प्रकार की सुविधाएं सृजित करने का प्रयास शामिल होगा।

आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियां शुरू करने के निर्देश प्रशासन को दे दिए गए हैं। जल्द ही हम इस प्रस्ताव को हाई पावर कमेटी और फिर मुख्यमंत्री कमेटी के पास ले जाएंगे और इसे मंजूरी देंगे। हमने नासिक में भी कुछ कार्यों को मंजूरी दी है। हम लगभग 11 पुलों का निर्माण कर रहे हैं। हम एक विशाल सड़क नेटवर्क का निर्माण कर रहे हैं। हम उस सारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं जहां साधुग्राम का निर्माण किया जा रहा है। हम भी इसे विकसित कर रहे हैं। हम घाटों पर नई सुविधाएं बना रहे हैं और कुछ घाटों का विस्तार भी कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां एसटीपी का नेटवर्क बनाकर पानी को शुद्ध बनाए रखने की योजना तैयार की गई है। फडणवीस ने यह भी कहा कि इसका काम किसी भी सिंहस्थ से पहले पूरा करने का निर्णय लिया गया है।

धन की कमी नहीं होने दी जाएगी

इन सभी कार्यों के लिए भारी धनराशि की आवश्यकता होगी। लेकिन हमने, राज्य सरकार के रूप में, यह निर्णय लिया है कि इसे धन की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा। हम सभी आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराएंगे।

सिंहस्थ के लिए मेला प्राधिकरण की स्थापना

त्र्यंबकेश्वर के साधु-महंतों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उत्तर प्रदेश की तरह सिंहस्थ कुंभ मेले की पूरी जिम्मेदारी लें। जिसपर फडणवीस ने कहा, "मेले के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। लेकिन अब हम अपना कानून उसी आधार पर तैयार कर रहे हैं जिस आधार पर उत्तर प्रदेश ने कुंभ मेला कानून तैयार किया और मेला प्राधिकरण का गठन किया। हम एक निष्पक्ष प्राधिकरण भी बना रहे हैं और उसे पूर्ण कानूनी ढांचा दे रहे हैं।"

भीड़ का अनुमान नहीं लगाया जा सकता

महाकुम्भ से ६६ करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हुए। जिसको देखते हुए सिंहस्थ में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की बात कही जा रही है। वहीं भीड़ को लेकर पीछे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि," आज हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि सिंहस्थ कुंभ मेले में कितने करोड़ लोग आएंगे। क्योंकि प्रयागराज में लगाए अनुमान से ज्यादा लोग पहुंचे थे। कुंभ मेले में तीन गुना अधिक लोग आये। इसलिए, हम सभी तैयारियां पूरी होने के बाद अनुमान लगाएंगे।"


मेला प्राधिकरण प्रशासनिक होगा

साधु महंत सिंहस्थ के प्राधिकार में शामिल नहीं होंगे। यह स्पष्टतः एक प्रशासनिक प्राधिकरण है। चूंकि हमने कुंभ मेले का प्रबंधन पेशेवर ढंग से नहीं किया, इसलिए यदि भीड़ दोगुनी या तिगुनी हो जाती तो समस्या उत्पन्न हो सकती थी। इसलिए यह अधिकार अध्यात्म का नहीं, बल्कि प्रबंधन का है। संत आध्यात्मिक पक्ष का ध्यान रखेंगे। देवेन्द्र फडणवीस ने बताया कि मेला प्राधिकरण प्रशासन, प्रबंधन और व्यवस्थाओं को संभालेगा।