ओम बिरला vs के सुरेश: एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच लोकसभा अध्यक्ष को लेकर टकराव, 26 को होगा चुनाव

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा जाना तय है, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने मौजूदा अध्यक्ष ओम बिरला तथा इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है।
यह निर्णय उपसभापति का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा पर असहमति के बाद लिया गया है, जिसका पालन करने से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इनकार कर दिया है। यह चुनाव अध्यक्ष की नियुक्ति पर सामान्य आम सहमति से अलग है। साथ ही संसदीय कार्यवाही में टकराव को दर्शाता है।
अब अध्यक्ष के लिए कल 26 जून को चुनाव होगा और इसमें पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके एनडीए के ओम बिरला, और केरल के मवेलीकारा से आठ बार के सांसद, इंडी गठबंधन के कोडिकुन्निल सुरेश के बीच मुकाबला होगा।
देश में यह अध्यक्ष के लिए पहला चुनाव है; ऐसा आखिरी चुनाव दशकों पहले हुआ था। लेकिन अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है, तो हम आपको बताते हैं।
कैसे होता है अध्यक्ष का चुनाव?
अध्यक्ष का चुनाव संसद के निचले सदन के सदस्यों में से किया जाता है। अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित नियम संविधान के अनुच्छेद 93 द्वारा शासित होते हैं। इसमें कहा गया है कि “लोक सभा यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को क्रमशः अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनेगी और जब भी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होता है, तो सदन किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के रूप में चुनेगा।”
चुनाव के दिन सांसद गुप्त मतदान में अपना वोट डालेंगे और जो उम्मीदवार सबसे ज़्यादा वोट हासिल करेगा, वह लोकसभा का अध्यक्ष बन जाएगा। इस पद के लिए कोई अन्य मानदंड सूचीबद्ध नहीं हैं। हालाँकि, इस पद के लिए उम्मीदवार चुनते समय वरिष्ठता, अनुभव और निष्पक्षता पर विचार किया जाता है।

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