Political Breaking: शशिकांत शिंदे होंगे एनसीपी-सपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, मुंबई में आयोजित बैठक में शरद पवार ने किया नाम का ऐलान

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-सपा (Nationalist Congress Party-SP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने जयंत पाटिल (Jayant Patil) का इस्तीफा स्वीकार करते हुए विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे (Shashikant Shinde) को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। मंगलवार को एनसीपी नेताओं की बैठक हुई। जिसमें पवार ने शिंदे के नाम का आधिकारिक ऐलान किया।
पिछले कुछ दिनों से NCP शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष पद को बदलने की चर्चा चल रही थी। जयंत पाटिल पिछले सात सालों से पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। 10 जून को पार्टी के वर्षगांठ कार्यक्रम के दौरान जयंत पाटिल ने इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी। इसके बाद उनके इस्तीफे की चर्चा भी शुरू हो गई थी। बीते दिनों खबरें भी सामने आई थी कि, पाटिल ने प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, तब पार्टी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इसका खंडन किया था।
हालांकि, आज मंगलवार को मुंबई में शरद पवार की अगुवाई में बैठक हुई। इसमें पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पाटिल ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। शशिकांत शिंदे को पार्टी सुप्रीमो शरद पवार का बेहद भरोसेमंद नेता माना जाता है। पार्टी के टूट के समय जिन नेताओं ने सबसे पहले पवार के साथ रहने का ऐलान किया था उसमें शिंदे भी थे। कोरेगांव विधानसभा सीट से शिंदे तीन बार विधायक रहे, वर्तमान में वह विधान परिषद के सदस्य हैं।
कौन हैं शशिकांत शिंदे?
शशिकांत शिंदे का पैतृक गाँव सतारा जिले के जवाली तालुका में हुमगाँव है। वाणिज्य स्नातक, शिंदे को मथाडी श्रमिक आंदोलन के एक प्रभावशाली नेता के रूप में भी जाना जाता है। उनका जन्म 19 अक्टूबर, 1963 को हुआ था। उनका बचपन उनके पिता जयवंतराव शिंदे और माता कौशल्या शिंदे के सुसंस्कृत और स्नेहपूर्ण वातावरण में बीता।
वे 1999 में जवाली विधानसभा क्षेत्र से पहली बार 12,000 मतों के अंतर से निर्वाचित हुए। बाद में, उन्होंने कृष्णा घाटी सिंचाई निगम के जल संसाधन मंत्री का दायित्व भी संभाला। 2009 से 2014 तक, उन्होंने कोरेगांव निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और उस समय शालिनी पाटिल को हराया।
शशिकांत शिंदे जवाली विधानसभा क्षेत्र से दो बार पाँच-वर्षीय विधायक रहे और कोरेगांव से भी दो बार पाँच-वर्षीय विधायक रहे। हालाँकि, 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्हें शिवसेना के महेश शिंदे ने हरा दिया था।

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