Maharashtra Assembly Election: उत्तर नागपुर विधानसभा सीट बनी BJP के लिए टेढ़ी खीर, 2019 के बाद 2024 में भी पिछड़ी

नागपुर: उत्तर नागपुर विधानसभा सीट (Nagpur North Assembly constituency) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए टेढ़ी खीर बनी हुई है। 2019 लोकसभा चुनाव से भाजपा का वोट शेयर जो गिरना शुरू हुआ है, वह 2024 में भी जारी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा या ये कहें नितिन गडकरी साढ़े आठ हजार वोटों से पीछे थे, वहीं 2024 में यह बढ़कर 32 हजार से ज्यादा हो गया। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा के लिए यह सीट काफी मुश्किल होने वाली है।
1967 में पहली बार उत्तर नागपुर विधानसभा सीट पर चुनाव हुए थे। विधानसभा सीट की जनसँख्या को देखते हुए वर्तमान में यह अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है। यहां बड़ी संख्या में अनुसूचित जाती और मुस्लिम वोटर हैं। पार्टी की बात करें तो इस सीट पर भाजपा दो बार ही जीत पाई है। वहीं कांग्रेस को यहां छह बार, तीन बार आरपीआई और एक बार फॉरवर्ड ब्लॉक जीती है।
2014 में भाजपा ने दूसरी बार यह सीट जीती थी। भाजपा उम्मीदवार मिलिंद माने ने तत्कालीन मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नितिन राउत को करीब 37 हजार वोटों से हराकर चुनाव अपने नाम किया था। हालांकि, 2019 के चुनाव में राउत ने मिलिंद माने को 23 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। 2019 विधानसभा चुनाव के पहले लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी भी इस सीट से पीछे थे। गडकरी कांग्रेस उम्मदीवार नाना पटोले के मुकाबले आठ हजार से ज्यादा वोटों से पीछे थे।
उत्तर नागपुर दलित मूवमेंट का रहा केंद्र
उत्तर नागपुर में दलित सहित मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में रहते हैं। दोनों आमतौर पर कांग्रेस के मतदाता हैं। दो मौको को छोड़ दें तो वह हमेशा या कांग्रेस या दलित मूमवेंट से जुडी पार्टियों को ही जीतते रहे हैं। उत्तर नागपुर दलित मूवमेंट का केंद्र रहा है। शहर के तमाम बड़े दलित आंदोलन उसी क्षेत्र या उसके आसपास हुए हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में संविधान का मुद्दा खूब चला है। कांग्रेस ने इसको प्रचार के दौरान खूब इस्तेमाल किया। जिसका परिणाम भी देखने को मिला। 2019 लोकसभा में जो मार्जिन साढ़े आठ हजार था, वह 2024 लोकसभा चुनाव में बढ़कर 32 हजार से ज्यादा हो गया।
तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा नहीं बन पई मजबूत
1995 और 2014 को छोड़ दें तो भाजपा यहाँ कभी जीत नहीं पाई है। उत्तर नागपुर में खुद को मजबूत करने के लिए भाजपा ने तमाम प्रयास किए। विकास का काम हो या संगठन को मजबूत करना। भगवा दल ने हर प्रयास किया। लेकिन वह उस स्थिति में नहीं पहुंच पाई की वह लगातार अपनी जीत को बरक़रार रख सके। 2007 से 2022 तक नागपुर मनपा में भाजपा का कब्ज़ा था, लेकिन इस दौरान भी वह उत्तर नागपुर में अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कमजोर ही दिखाई दी। 2017 के चुनाव में भाजपा ने रिकॉर्ड बनाते हुए 151 सीटों में से 106 सीटों पर कब्ज़ा किया था, लेकिन उस समय भी उत्तर नागपुर में उसका प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कमजोर ही रहा।
ऐसा रहा तीन लोकसभा चुनाव का परिणाम:
वर्ष | चुनाव | भाजपा | कांग्रेस |
2014 | लोकसभा | 56,206 | 74,746 |
विधानसभा | 68,905 | 50,042 | |
2019 | लोकसभा | 96,691 | 87,781 |
विधानसभा | 66,127 | 86,821 | |
2024 | लोकसभा | 90,191 | 1,22,406 |

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