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Maharashtra

बॉम्बे हाईकोर्ट की सभी खंडपीठों में कर्मचारियों की बंपर भर्ती; 2,228 नए पदों का सृजन, राज्य कैबिनेट ने दी मंजूरी


मुंबई/नागपुर/औरंगाबाद: बॉम्बे उच्च न्यायालय में कर्मचारियों की कमी को दूर करने और न्याय वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक ने बॉम्बे उच्च न्यायालय की मुंबई (अपीलीय शाखा), नागपुर, और औरंगाबाद पीठों के लिए 2,228 नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट ने ग्रुप 'ए' से लेकर 'डी' संवर्ग तक इन सभी 2,228 नए पदों के सृजन के साथ ही उनके वेतन और भत्तों पर होने वाले आवश्यक व्यय प्रावधान को भी स्वीकृति दे दी है।

न्याय व्यवस्था को मिलेगी गति

उच्च न्यायालय प्रशासन ने कर्मचारियों की भारी कमी के कारण दैनिक कार्यों, दस्तावेज़ों के प्रबंधन, और केसों की फाइलिंग में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए यह प्रस्ताव सरकार को भेजा था। मुख्यमंत्री फडणवीस की अगुवाई वाली कैबिनेट की मंजूरी से अब इन पीठों में कर्मचारियों की कमी दूर हो सकेगी, जिससे लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने और न्याय व्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है। यह फैसला राज्य के युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

देखें कैबिनेट के निर्णय:



  • महाराष्ट्र बाँस उद्योग नीति 2025 की घोषणा। नीति अवधि के दौरान 50,000 करोड़ रुपये का निवेश, पाँच लाख से अधिक रोजगार सृजन। राज्य में 15 समर्पित बाँस क्लस्टर बनाए जाएँगे। कार्बन क्रेडिट बाज़ार का लाभ उठाया जाएगा। राज्य में बाँस की खेती और प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा। नकदी फसलों की तरह किसानों के लिए एक और पर्यावरण-अनुकूल और स्थायी आय का विकल्प। (उद्योग विभाग)

  • भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जन शिक्षा समिति के विकास हेतु योजना। समिति के शैक्षणिक संस्थानों और छात्रावासों के भवनों के नवीनीकरण, संरक्षण और संवर्धन की योजनाएँ बनाई जाएँगी। मुंबई और छत्रपति संभाजीनगर में नौ शैक्षणिक संस्थानों और दो छात्रावासों का उन्नयन। पाँच वर्षों के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान। (सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग)

  • बॉम्बे उच्च न्यायालय की मुंबई, अपीलीय शाखा तथा नागपुर, औरंगाबाद पीठों के लिए समूह 'क' से 'घ' संवर्ग में 2,228 पदों का सृजन। इसके लिए व्यय प्रावधान को मंजूरी। (विधि एवं न्याय विभाग)