logo_banner
Breaking
  • ⁕ नागपुर में अवैध लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़, दो डॉक्टरों पर कार्रवाई; सोनोग्राफी सेंटर सील, मनपा का अब तक का सबसे बड़ा स्टिंग ⁕
  • ⁕ BJP वार्ड अध्यक्ष सचिन साहू की दिनदहाड़े चाकू से गोदकर हत्या, शहर में मचा हड़कंप; पुलिस जांच में जुटी ⁕
  • ⁕ "सवाल करने पर गालियां दी जाती हैं, बेज्जती और मारा जाता है", परिवार से रिश्ता समाप्त करने पर रोहणी यादव का बड़ा आरोप ⁕
  • ⁕ Wardha: नकली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश; पुलिस और एलसीबी ने की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ Nagpur: मौज मस्ती करते ओयो में मिला कुख्यात वाहन चोर, क्राइम ब्रांच के वाहन चोरी विरोधी दस्ते की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ उपराजधानी नागपुर के तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस हुआ दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: विवाह समारोह में स्टेज पर दूल्हे पर चाकू से जानलेवा हमला, आरोपी अकोला से गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ Akola: बालापुर नगर परिषद चुनाव सुरक्षा सतर्कता! पुलिस और महसूल विभाग ने शुरू किया संयुक्त जांच अभियान ⁕
  • ⁕ Gondia: जिले में धान क्रय केंद्र शुरू नहीं होने से किसान चिंतित, किसानों ने जल्द से जल्द खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग ⁕
  • ⁕ जीरो माइल मेट्रो टनल परियोजना: उच्च न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान, अदालत ने महा मेट्रो से अनुमतियों और सुरक्षा मानकों की मांगी जानकारी ⁕
Buldhana

नुकसानग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे वडेट्टीवार, बोले- करें मदद, नहीं तो किसान उठालेंगे पत्थर


बुलढाणा: जिले में हुई बैमोसम बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। हजारों हेक्टर में लगी रबी की फसल बर्बाद हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान तुअर, गेंहू और कपास की फसल का हुआ है। वहीं बारिश रुकने के बाद नेताओं का दौरा भी शुरू हो गया है। गुरुवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार फसल नुकसान को देखने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार से जल्द से जल्द फसल नुकसान की भरपाई करने की मांग की। इसी के साथ यह भी कहा कि, सरकार ने अगर देरी की तो किसान पत्थर उठा लेंगे।"

वडेट्टीवार ने जिले के सिंधखेड़ाराजा तहसील के सावरगांव माल में फसल क्षति का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से बात भी की। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए वडेट्टीवार ने कहा, "बुलढाणा जिले सहित राज्य के किसान हर तरफ से कभी अतिवृष्टि, कभी सूखा, ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश जैसे संकट में फंसे हुए हैं. मानसिक, आर्थिक रूप से टूट गया। फसल बीमा कंपनियों का मजा बढ़ गया है और वे किसानों के साथ हस्तक्षेप कर रही हैं."

भयावह परिस्थितियों के दुष्चक्र में फंसे लाखों किसानों की मदद के लिए तत्काल उपायों से आगे बढ़ना समय की मांग है। सरकार सिर्फ मापदंड तय कर रही है और उन्हें किसानों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। वडेट्टीवार ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इसी तरह चुप रही तो किसान हाथ में पत्थर लेंगे, उनके साथ हम भी हाथ में पत्थर लेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि हम तब कानून का सम्मान नहीं करेंगे."