जब धीरूभाई अंबानी ने बचाई नवाज शरीफ की जान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुनाया किस्सा
नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योगपति धीरूभाई अंबानी और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को लेकर एक किस्सा सुनाया। कैसे धीरूभाई ने अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मदद से शरीफ को तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से बचाया और उन्हें सऊदी अरब में शरण दिलाई थी। केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को आईआईएम नागपुर के कैम्पस में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां छात्रों से बात करते हुए यह बात बताई।
गडकरी ने कहा कि, "सन 2000 में अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर थे। क्लिंटन और उनके दल का मुंबई में स्टॉक एक्सचेंज में एक कार्यक्रम था। इसमें मैं महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मौजूद था। कार्यक्रम शुरू होने से पहले धीरूभाई ने क्लिंटन से मुलाकात की थी। जहां उन्होंने उनसे अपने दोस्त को बचा लेने की प्रार्थना की थी।"
गडकरी ने बताया कि, "पाकिस्तान में 1999 में दोबारा सैन्य शासन आ गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को गद्दी से हटाकर परवेज मुशर्रफ के सत्ता में आने से धीरूभाई अंबानी भी चिंतित हो गए थे। धीरूभाई को लगता था कि, मुशर्रफ उनके दोस्त शरीफ से उसी तरह छुटकारा न पा लें जैसे जिया उल हक ने जुल्फिकार अली भुट्टो से पाया था।"
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, "बैठक के दौरान क्लिंटन से उनके दोस्त को बचाने की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि, बटवारा होने के पहले धीरूभाई अंबानी और नवाज शरीफ एक ही देश में रहने वाले है। नवाज अपना इंसान है और मेरा अच्छा दोस्त है।" धीरूभाई का मानना था कि क्लिंटन और मुशर्रफ के संबंध काफी अच्छे हैं और अगर वह कहेंगे तो नवाज शरीफ को जान का खतरा नहीं रहेगा।"
गडकरी ने कहा कि इसके बाद क्लिंटन पाकिस्तान के दौरे पर गए। वहां जाकर उन्होंने शरीफ की जान बचाने के लिए मुशर्रफ से कहा। गडकरी का कहना था कि इसके बाद क्लिटंन ने धीरूभाई को बताया कि अब उनका दोस्त सुरक्षित है। इसके बाद ही शरीफ पाकिस्तान से निकल कर सऊदी अरब में शरण ले सके।
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