logo_banner
Breaking
  • ⁕ विधायक रवि राणा का बड़ा आरोप, कहा - उपमुख्यमंत्री से बच्चू कडू ने की अपने राजनीतिक पुनर्वास की मांग ⁕
  • ⁕ धनतेरस पर नागपुर ने बनाया रिकॉर्ड, 1000 करोड़ से ज्यादा का हुआ व्यापार; जीएसटी 2.0 का दिखा जोरदार असर ⁕
  • ⁕ तेज रफ्तार आपली बस का ब्रेक हुआ फेल, फेल ड्राइवर की सुझबुझ से टला बड़ा हादसा; वर्धा रोड पर हुआ हादसा ⁕
  • ⁕ दिवाली की पूर्व संध्या पर भी अमरावती में 35% किसान सहायता से वंचित, मदद नहीं मिलने से किसानों में रोष ⁕
  • ⁕ छगन भुजबल समाज के 'पितातुल्य', सार्वजनिक अपमान न करें: तायवाड़े ने की वडेट्टीवार पर दिए बयान की निंदा ⁕
  • ⁕ नागपुर शहर के फूल बाजार में खरीददारों की लगी भीड़, गेंदा और कमल की रिकॉर्ड तोड़ मांग ⁕
  • ⁕ एसटी कर्मियों को दिवाली भेंट: 6,000 बोनस और 12,500 अग्रिम, वेतन बकाया हेतु सरकार 65 करोड़ मासिक फंड देगी ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Amravati

Amravati: अमरावती जिले में 31 प्रतिशत की कमी, चांदुर बाजार में सबसे अधिक वर्षा, दरियापुर में सबसे कम


अमरावती: मानसून लगभग जाने हो वाला है। इतनी वर्षा होने के बाद भी अमरावती जिले में अभी भी 31 प्रतिशत वर्षा की कमी है। इसमें चांदुर बाजार को छोड़कर शेष 13 तहसील औसत वर्षा में पीछे हो गई हैं। राज्य स्तर पर मानसून सीजन जून से सितंबर के बीच चार महीने का माना जाता है। इस बीच, सभी तहसीलों में 24 घंटे नियंत्रण कक्ष काम कर रहे हैं। इसके मुताबिक 30 सितंबर से मानसून खत्म हो गया है।

जून से सितंबर की अवधि में जिले में औसतन 862 मिमी बारिश होने की उम्मीद है, लेकिन वास्तविक बारिश 597.8 मिमी दर्ज की गयी है। यह 69.4 फीसदी है। इसमें केवल चांदुर बाजार तहसील में औसत से अधिक बारिश हुई है। शेष 13 तहसीलों में औसत से कम वर्षा दर्ज की गई, जबकि पांच तहसीलों में 50 से 60 प्रतिशत के बीच वर्षा हुई, पानी की कमी बनी हुई है।

इसके साथ ही मिट्टी में नमी कम होने से रबी सीजन बढ़ गया है। अगस्त महीने में बारिश की कमी के कारण फसल की वृद्धि रुक ​​गई और सोयाबीन फूल गई, जबकि मूंग और उड़द की फसल बारिश की कमी के कारण खराब हो गई।