logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Amravati

Amravati: सीसीआई की कपास खरीद में किसानों का शोषण, किसान नेताओं ने प्रशासन से की शिकायत


अमरावती: जिले की वरुड तहसील  में भारतीय कपास निगम CCI  द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए की गई कपास खरीद प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि इस खरीद में किसानों का बड़े पैमाने पर शोषण किया गया है और इसके लिए सीधे तौर पर सीसीआई के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इस कथित शोषण के कारण न केवल सरकार का कपास खरीद का उद्देश्य विफल हुआ है, बल्कि किसानों के साथ अन्याय भी हुआ है।

इस मामले में इंसाफ की गुहार लगाते हुए, किसान नेताओं ने भारतीय कपास निगम, अकोला के महाप्रबंधक और अमरावती जिला के सहकारी संस्था के उप-पंजीयक को एक औपचारिक शिकायत सौंपी है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि किसानों को न्याय मिल सके।

शिकायत में किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि CCI ने वरुड तहसील में कपास खरीदते समय मनमानी की। नियमों के अनुसार, मार्च और अप्रैल 2025 में किसानों से प्रति क्विंटल 34.25 किलो रूई का उतारा अपेक्षित था। हालांकि ढगा स्थित पी. एन. व्हाईट गोल्ड जिनिंग के कपास खरीद केंद्र पर किसानों से प्रति क्विंटल 36 किलो रूई का उतारा लिया गया। इतना ही नहीं जिन किसानों का कपास 36 किलो का उतारा नहीं दे सका, उसे वापस कर दिया गया।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि इस खरीद केंद्र पर किसानों से प्रति क्विंटल 2 किलो की छूट जबरदस्ती वसूली गई। किसान नेताओं का कहना है कि सीसीआई के अधिकारियों ने किसानों को ब्लैकमेल किया और धमकी भरे लहजे में कहा कि उनके कपास की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, इसलिए उन्हें अनिवार्य रूप से कटौती स्वीकार करनी होगी। इस तरह, किसानों से औसतन 2 किलो प्रति क्विंटल की अवैध छूट ली गई।

आंकड़ों के अनुसार, इस खरीद केंद्र पर लगभग 90 हज़ार क्विंटल कपास खरीदा गया है। किसान नेताओं का कहना है कि इस आंकड़े से ही किसानों के साथ हुई लूट का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसानों से कपास की गाड़ी तौलने के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूले गए हैं, जिसे तुरंत वापस किया जाना चाहिए।

किसान नेताओं ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि किसानों से जबरदस्ती वसूली गई राशि उन्हें वापस दिलाई जाए और उन्हें न्याय प्रदान किया जाए। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब किसान पहले से ही विभिन्न कृषि संकटों का सामना कर रहे हैं, और इस तरह के कथित शोषण से उनकी आर्थिक स्थिति और खराब होने की आशंका है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करता है और किसानों को कब तक न्याय मिल पाता है।