नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में छोड़ी गई दो बाघिन

भंडारा: नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प अब बाघों के लिए नया जन्नत बनने जा रहा है । पहले से ही यहां 11 बाघ मौजूद हैं और अब फिर से चंद्रपुर- के जंगल से दो बाघिनों को इस टाइगर रिजर्व में छोड़ने का निर्णय लिया गया है। दो बाघिनों के आने के बाद नवेगांव-नागझिरा जंगल में बाघों की संख्या 13 पर पहुंच गई है। नवेगांव–नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में दो बाघिनों को वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की उपस्थिति में शनिवार को छोड़ा गया। वैसे इससे पहले नवेगांव - नागझिरा जंगल में नौ बाघ तथा दो बाघिन, कुल 11 बाघ हैं। बाघों में संतुलन बनाए रखने के लिए वन्यप्रेमियों की मांग पर दो बाघिनों को निलय विश्रामगृह के सामने छोड़ा गया । इसके आनेवाले दिनों में यंहा पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। नवेगांव–नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में बाघ, तेंदुआ, हिरण,जंगली सुअर, नीलगाय आदि प्राणी नजर आते हैं। अब यहां इन 2 नए बाघिनों के आने से बाघों की संख्या बांध गई है। राज्य में पहली बार इस तरह का अभिनव प्रयोग बाघों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए किया गया है. क्योंकि यहां बाघों की तुलना में बाघिनों की संख्या काफी कम है और इस क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए और चंद्रपुर से बाघों का पुनर्वास किया जा रहा। ये प्रदेश में पहला प्रयोग है, इसलिए वन विभाग ने इसकी पहले से ही काफी तैयारी की थी। जिस जगह पर बाघों को छोड़ा गया.वहां जाली और हरे रंग के नेट घेर दिया गया है। इसके साथ ही बाघों पर निगरानी के लिए मचान भी बनाये गए है । दुनिया में 193 देश हैं जिनमें से केवल 14 देशों में ही बाघ हैं। इन 14 देशों में भारत में बाघों की संख्या सबसे अधिक है। विश्व के कुल बाघों का करीब 65 फीसदी बाघ भारत में हैं और अगर अपने देश की बात करें तो अधिकांश बाघ विदर्भ में हैं। नवेगांव - नागझिरा के जंगल में इन दोनों बाघिनों के सहजता से ढलने के बाद भविष्य में 3 बाघों को फिर से छोड़ा जाएगा।

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