logo_banner
Breaking
  • ⁕ 2 दिसंबर को होगी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटिंग, 3 दिसंबर को मतगणना, राज्य चुनाव आयोग ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ गरीब बिजली उपभोक्ताओं को 25 साल तक मिलेगी मुफ्त बिजली, राज्य सरकार की स्मार्ट योजना के लिए महावितरण की पहल ⁕
  • ⁕ उद्धव ठाकरे और चंद्रशेखर बावनकुले में जुबानी जंग; भाजपा नेता का सवाल, कहा - ठाकरे को सिर्फ हिंदू ही क्यों नजर आते हैं दोहरे मतदाता ⁕
  • ⁕ ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1 करोड़ 8 लाख की ठगी, साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Bhandara

बावनकुले के बयान पर सांसद पडोले का पलटवार; राज्य की रेत नीति को लेकर बोला हमला, कहा- सरकार की नीतियों से आम जनता त्रस्त: पडोले


भंडारा: भंडारा–गोंदिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रशांत पडोले और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के बीच तीखी बयानबाज़ी ने राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है। प्रधानमंत्री और महायुति सरकार पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद मंत्री बावनकुले ने सांसद पडोले के व्यवहार को “बचकाना” बताया। इसके प्रत्युत्तर में सांसद पडोले ने भंडारा जिले में घरकुल योजना के तहत रेत वितरण में अनियमितताओं और डिपो बंद रहने जैसे मुद्दों को उठाते हुए राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।

पडोले ने कहा, "बावनकुले जी ने ऐलान किया था कि, हम नागरिकों को प्रति ब्रास 600 रुपये देंगे। हम घरकुल लाभार्थियों को मुफ्त में रेत देंगे। मैं राज्य के राजस्व मंत्री से पूछ रहा हूं कि क्या आप घरकुल लाभार्थियों को रेत ठीक से दे रहे हैं। भंडारा जिले में रेत घाट और डिपो बंद हैं और सारा काम रुका हुआ है।"

उन्होंने आगे कहा, "गोंदिया जिले में डिपो चल रहा है और नौ ब्रास रेत दी जा रही है। पाँच हज़ार चार सौ रुपये लेने चाहिए, लेकिन रसीद 22 हज़ार रुपये की दी जाती है। डिपो में एक ट्रक का ऊपरी भुगतान 30 हज़ार रुपये है। ठीक है, हम बच्चे हैं, लेकिन किसान प्रतिदिन 41 से 51 रुपये कमाते हैं, तो आप मुझे बताएं कि क्या देश आगे बढ़ा है?"