पूर्व सांसद इम्तियाज़ जलील को खुले मुकाबले की चुनौती, विधायक संजय गायकवाड़ का स्टांप पेपर पर ‘समझौता पत्र’ वायरल
नागपुर: बासी खाना दिए जाने पर विधायक आवास की कैंटीन में कर्मचारी की कथित पिटाई के बाद विवादों में घिरे बुलढाणा के विधायक संजय गायकवाड़ (शिंदे गुट) अब एक और नई बहस में आ गए हैं। उन्होंने एआईएमआईएम के पूर्व सांसद इम्तियाज़ जलील को खुले आम ‘लड़ाई’ की चुनौती दे दी है, वो भी बाकायदा 500 रुपए के स्टांप पेपर पर लिखे हुए समझौता पत्र के ज़रिए।
पूरा मामला विधायक गायकवाड़ की उस वायरल वीडियो से शुरू हुआ, जिसमें उन्हें कैंटीन कर्मचारी की पिटाई करते हुए देखा गया था। इस घटना की कड़ी आलोचना हुई, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए इम्तियाज़ जलील ने कहा था, “अगर मैं उस कर्मचारी की जगह होता, तो विधायक की पिटाई कर देता।”
इसके जवाब में विधायक गायकवाड़ ने पलटवार करते हुए कहा, “अगर जलील कैंटीन वाला होता, तो मैं उसकी भी पिटाई करता।” इसी जुबानी जंग के क्रम में इम्तियाज़ जलील ने भी एक चुनौती भरे लहजे में कहा, “जगह तेरी, दिन तेरा, वक़्त भी तेरा, बता कहाँ आना है।”
अब विधायक संजय गायकवाड़ ने इसे व्यक्तिगत चुनौती मानते हुए 500 रुपये के स्टांप पेपर पर एक ‘समझौता पत्र’ लिख दिया है, जिसमें उन्होंने प्रस्ताव रखा है कि दोनों पक्ष बिना किसी हथियार या तीसरे व्यक्ति की मौजूदगी में आमने-सामने लड़ें। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि यदि इस भिड़ंत में कुछ भी अच्छा या बुरा होता है, तो दोनों ही इसके लिए ज़िम्मेदार होंगे। गायकवाड़ ने कहा, "अगर जलील को हिम्मत है, तो वो लड़ाई की तारीख, समय और स्थान तय करें। हम दोनों आमने-सामने लड़ेंगे, और पुलिस वहां मौजूद रहेगी।"
अब सवाल यह है कि क्या इम्तियाज़ जलील इस ‘स्टाम्प-पत्र’ आधारित चुनौती को स्वीकार करेंगे? इस विवाद ने अब राजनीतिक से हटकर व्यक्तिगत टकराव का रूप ले लिया है और इसकी गूंज राज्य की राजनीति में तेज़ी से फैल रही है।
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