मरने के बाद धर्मान्तरण: दफ़नाने की थी तैयारी, लेकिन फिर हिन्दू धर्म के अनुसार किया गया अंतिम संस्कार
बुलढाणा: अभी तक केवल जिन्दा व्यक्तियों को धर्म बदलते देखा गया है। लेकिन अब मरने के बाद भी धर्म बदला जा रहा है। शहर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक अज्ञात लाश को मुस्लिम रीति रिवाज से किए जा रहे अंतिम संस्कार को पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद हिन्दू रीति रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया।
क्या है मामला?
बुलढाणा जिले के खामगांव-शेगांव मार्ग पर अज्ञात वाहन की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक व्यक्ति की शिनाख्त न होने पर शेगांव ग्रामीण पुलिस ने स्थानीय लोगों से तीन दिन के भीतर मृतक की शिनाख्त करने की अपील की। चूंकि शव मुस्लिम आस्था का प्रतीक होता है, इसलिए पुलिस ने शव का मुस्लिम तरीके से अंतिम संस्कार करने के लिए शव को शेगांव शहर के सुल्तान नामक एक सामाजिक समूह को सौंप दिया।
समूह ने शव का मुस्लिम रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने की पूरी तैयारी कर ली थी। इसी बीच व्यक्ति की जांच करने पर पता चला कि, व्यक्ति का खतना नहीं हुआ था। इसके बाद संस्था ने संस्था ने हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया।
क़ानूनी नियमो के अनुसार किया जाता है दफ़न
वहीं इस मामले में जांच करने वाले अधिकारी मनोहर ठाकरे ने कहा कि, " इस तरह से अज्ञात लाशों को जमीन में गाड़ दिया जाता है। शव चाहे हिंदू हो या मुसलमान, निम्नलिखित कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए दफन किया जाता है। इसलिए, पुलिस ने सुल्तान समूह से शव को सौंपा था। वहीं जांच करने के बाद संस्था ने शव का हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
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