Buldhana: फिर ‘फ्यूरी’ कीटनाशक से खतरे में पड़ी चार खेतिहर मजदूरों की जान, जिला अस्पताल में भर्ती
बुलढाणा: दो दिन पहले धामनगांव बढे में खेत में मक्के की फसल के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक "फ्यूरी" से 4 लोगों को विषबाधा हुई थी। इसमें एक किसान की मौत हो गई और तीन अन्य की हालत गंभीर है। अब सिंदखेड लपाली में फिर से उसी इलाके में 4 महिला खेत मजदूरों को "फ्यूरी" से विषबाधा हुई है। इन महिलाओं को इलाज के लिए जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
किसान कीटों से बचाव के लिए मक्के के खेत में "फ्यूरी" नामक कीटनाशक मिलाते हैं। धामनगांव बढे के किसान दामोदर नारायण जाधव अपने परिवार के सदस्य के साथ खेत में मक्के की फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने गए थे। छिड़काव के बाद उनके साथ मौजूद सभी उन्हें विषबाधा हो गई। उन्हें तुरंत जिला सामान्य अस्पताल में ले जाया गया लेकिन इलाज से पहले ही उनकी मौत हो गई। जबकि उनके परिवार के अन्य 3 सदस्यों का इलाज शुरू है।
अब फिर ऐसी ही मोताला तहसील के सिंदखेड पाली गांव के दिलीप मधुकर गडाख ने के साथ हुई है। दिलीप के मक्के के खेत में चार महिला मजदूर फ्यूरी डाल रही थीं, तभी मजदूरों का जी मिचलाने लगा और उल्टी होने लगी। उन्हें तुरंत धामनगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और आगे के इलाज के लिए बुलढाणा जिला सामान्य अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
कृषि विभाग को इस घातक ‘फ्यूरी’ कीटनाशक की समस्या पर ध्यान देकर मानव स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने के प्रयास करने चाहिए।
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