Buldhana: बैकफुट पर आए अब्दुल सत्तार, सिंधखेड़ा राजा का दौरा किया रद्द

बुलढाणा: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले पर कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के बयान को लेकर राज्य में राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष के साथ साथ सत्ता पक्ष के नेता उनके बयान की आलोचना कर रहे हैं। लगातार हो रहे विवाद पर सत्तार अब बैकफुट पर आ गए हैं। कृषि मंत्री ने मंगलवार को सिंधखेड़ा राजा में होने वाली यात्रा को रद्द कर दिया है। हालांकि, इस रद्द करने के पीछे एनसीपी कार्यकर्ताओं और सत्तार के बीच होने वाले टकराव को समाप्त करने के किया गया है।
एनसीपी लगातार कर रही विरोध
सत्तार द्वारा सुले के बारे में बेतुके बयान ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। एनसीपी आज भी पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसका बुलढाणा जिले में भी हिंसक प्रभाव पड़ा। पूर्व मंत्री राजेंद्र शिंगाने ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सत्तार को कैबिनेट से हटाने की मांग की। बुलढाणा तहसील एनसीपी ने माफी न होने तक जिला प्रतिबंध की चेतावनी दी है।
कई कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे?
सत्तार जब से मंत्री बने है, वह एक दिन किसानों के साथ योजना चला रहे हैं। जिसके तहत वह पूरा दिन राज्य के किसी गांव में बिताते हैं। इसी के मद्देनजर सत्तार के आठवें जिले पर जाने वाले थे। अपने इस दौरे पर सिंधखेड़ाराजा तहसील तक ही सीमित था। मंगलवार की सुबह 10 बजे वह मातृतीर्थ सिंधखेदराजा स्थित राजे लखूजी जाधव के महल में जीजाऊ जन्मस्थान के दर्शन करने जा रहे थे। राजमाता के दर्शन के बाद सत्तार चांगेफल में आयोजित भागवत सप्ताह में शामिल होने और सिल्लोड की ओर मार्च करने जा रहे थे। हालांकि, राजनीतिक तूफान के चलते उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया।
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