Buldhana: विविध मांगों को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
बुलढाणा: रोजाना हजारों नागरिकों का काम करने वाले अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार से उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने अपनी अनिश्चितकालीन 'काम रोको' आंदोलन शुरू कर दिया है। अधिकारियों के इस आंदोलन के कारण जिले के राजस्व विभाग का काम प्रभावित हो गया है।
नायब तहसीलदार संवर्ग के अधिकारियों के साथ 1998 से हो रहे अन्याय को दूर कर राजपत्रित अधिकारियों का वेतनमान (4800 ग्रेड पे) लागू किया जाए। इन अधिकारियों ने कलेक्टर कार्यालय क्षेत्र का घेराव किया। इस हड़ताल में रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर दिनेश गीते, डिप्टी कलेक्टर राजेश्वर हांडे, वैशाली देवकर, मनोज देशमुख सहित रामभाऊ देवकर, रूपेश खंडारे, सुनील सावंत, सैफन नदफ, एम.डी. नैतम, योगेश्वरी पार्लीकर, अस्मा मुजावर, अमर सिंह पवार, सुनील अहेर, प्रकाश डाब्बे, प्रमोद करे, संजय बंगले, एस.एन. भागवत, किशोर पाटिल, साधन सोनपत्रे, प्रीति जाधव, अश्विनी जाधव, पुष्पा डाबेराव, श्यामला खोट आदि मौजूद रहे।
इससे पहले राज्य तहसीलदार व नायब तहसीलदार संघ ने तीन मार्च को शासन को चेतावनी पत्र दिया था। उसके बाद 13 मार्च 2023 को प्रदेश भर में संभागायुक्त कार्यालय के सामने सामूहिक अवकाश एवं धरना आंदोलन किया गया। हालांकि, इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
हड़ताल में जिले के 10 डिप्टी कलेक्टर, 18 तहसीलदार और 39 नायब तहसीलदार शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान कानून व्यवस्था और प्राकृतिक आपदा को छोड़कर कोई अन्य काम नहीं किया जाएगा। इस बीच देवकर व हेमंत पाटिल ने मार्गदर्शन देते हुए बिना कार्रवाई किए आंदोलन करने का आह्वान किया।
पांच हजार से अधिक पदाधिकारियों ने भाग लिया
वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि हड़ताल में राज्य के पांच हजार से अधिक राजस्व अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें 800 डिप्टी कलेक्टर, 1500 तहसीलदार और 4000 नायब तहसीलदार शामिल हैं। इससे राज्य भर में राजस्व विभाग का कामकाज प्रभावित हुआ है। मुख्य रूप से अनुमंडल पदाधिकारी व तहसील कार्यालय का कार्य बाधित हुआ है. आंदोलन का असर पहले दिन ही दिखा।
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