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Buldhana

Buldhana: लुटरो को पकड़ने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने किया हमला, एक पुलिसकर्मी को बनाया बंधक


बुलढाणा: लुटेरों को पकड़ने गई पुलिस पर ग्रामीणों द्वारा हमला करने की घटना सामने आई  है। इस मामले में जहां कई पुलिस कर्मियों के घायल होने की जानकारी मिली है, वहीं ग्रामीणों ने एक पुलिस कर्मी को बंदी भी बना लिया है। हालांकि, कड़ी मशक्कत के बाद गुरुवार सुबह पुलिस कर्मी को छुड़ाने में कामयाब रही। वहीं इस मामले को लेकर खामगाँव में मामला दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले पर पुलिस कर्मियों ने बोलने से इनकार कर दिया है। 

ज्ञात हो कि, मंगलवार की रात को एक किसान परिवार पर आठ से 10 लुटरो ने हमला कर दिया था। इस दौरान लुटरो ने हथियार से हमला कर चार लोगों को घायल कर दिया था, वहीं एक लाख से ज्यादा का सामान चोरी कर लिया था। उसके बाद पुलिस अधीक्षक सुनील कड़ासाने खुद मौके पर पहुंचे और तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 

उसके बाद, स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक अशोक लांडे परिवीक्षाधीन पुलिस उपाधीक्षक विवेक पाटिल और दो कर्मचारियों शरद गिरि और युवराज राठौड़ के साथ बोरी अदगांव से 12 किलोमीटर दूर एक बहुत ही दुर्गम स्थान फत्तेपुर पाड़ा (पारधी द्वारा बसाया गया गांव) गए। कांबिंग ऑपरेशन का फैसला किया यहां स्थानीय क्राइम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर अशोक लांडे, प्रोबेशनरी पुलिस उपाधीक्षक विवेक पाटिल और दो कर्मचारी गए होंगे। याप बस्ती के नागरिकों द्वारा चार व्यक्तियों पर हमले की घटना हुई है। 

तीन पुलिसकर्मी भागे, एक को पकड़ा

विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि ग्रामीणों ने चार पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। इस दौरान टीम के तीन लोग अंधेरे में बस्ती से भाग गए, लेकिन टीम की स्थानीय अपराध शाखा के एक कर्मचारी शरद गिरी को बस्ती के लोगों ने बुरी तरह पीटा और रात भर बंधक बनाकर रखा। सुबह स्थानीय हिवरखेड पुलिस स्टेशन, जिसके अधिकार क्षेत्र में यह गांव आता है के पुलिस इंस्पेक्टर गजानन वाघ ने अपनी टीम को लेकर बंधक बनाए गए पुलिसकर्मी को छुड़ाया। हालांकि, यह बताया गया है कि पुलिस द्वारा कोई मामला दर्ज या दर्ज नहीं किया गया है। 

स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक अशोक लांडे के मुताबिक, इस मामले में जब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने शुरू में कहा कि कोई घटना नहीं हुई है, लेकिन बाद में कहा कि, हल्की नोकझोंक हुई। हालांकि, उन्होंने कैमरे के सामने बोलने में अपनी असमर्थता जाहिर की। 

अधिकारी पर कार्रवाई की तलवार लटकी 

लुटेरों का अब तक पता नहीं चला है, लेकिन तलाशी अभियान के दौरान पुलिस दल पर जानलेवा हमले की गंभीर घटना के बाद पुलिस निरीक्षक अशोक लांडे के ऊपर सवाल खड़े हो रहे हैं। इतने बड़े अभियान को अंजाम देने से पहले बिना किसी ठोस योजना और नए किये कांबिंग ऑपरेशन के बाद अधीक्षक क्या फैसला लेंगे इस पर सभी का ध्यान लगा हुआ है।