बुलढाणा जिले में फिर से लंपि रोग का प्रवेश; 12 जानवर संक्रमित, अलर्ट मोड पर पशुपालन विभाग
बुलढाणा: पिछले वर्ष बुलढाणा जिले में लंपि रोग ने कहर बरपाया था। जहां कृषि और पशुधन की अच्छी खासी आबादी है। इस दौरान रिक्तियों और असुविधाओं से ग्रस्त पशुपालन विभाग की सीमाएं उजागर हो गईं थीं। मूक पशुओं के लिए काल बने इस लंपि रोग ने फिर से जिले में प्रवेश किया है। खानदेश संभाग से सटे और विदर्भ के प्रवेशद्वार मलकापुर, देउलगांव राजा, सिंदखेड राजा तहसीलों में 12 पालतू पशु लंपि रोग से संक्रमित हो गए हैं।
जिले में कुछ पशुओं में गांठ जैसे लक्षण पाए गए हैं। उन पशुओं के नमूने परीक्षण के लिए ले लिए गए हैं। जहां एक ओर इससे जिले के लाखों पशुपालक भयभीत हैं, वहीं पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है।
प्राथमिक स्तर पर किसानों और पशुपालकों के बीच जन जागरूकता पैदा की जा रही है तथा गांठदार बीमारी से निपटने के लिए योजना बनाई जा रही है। प्रभावित पशुओं के नमूने जांच एवं परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए। उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही पशुओं की लिपि रोग से संक्रमित थे और उनकी मृत्यु इसके कारण हुई? यह कहा जा सकेगा।
जिला पशुपालन विभाग के उपायुक्त डॉ. राजेंद्र पाटिल ने कहा है कि बीमारी से निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। डॉ. पाटिल ने प्रभावित और स्वस्थ पशुओं को अलग रखने, उन्हें एक साथ चारा-पानी न देने, छिड़काव के माध्यम से गौशाला को कीटाणुरहित करने, टीकाकरण करने, गौशाला की सफाई करने और मक्खियों व मच्छरों पर नियंत्रण रखने की भी अपील की है।
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