एनसीपी ने शुरू की लोकसभा की तैयारी, 4 व 5 नवंबर को शिरडी में होगा मंथन

बुलढाणा: आगामी लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2022) को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी को लेकर पार्टी ने 4 व 5 नवंबर को शिरडी कैंप में 'एनसीपी मंथन: वेधा भाविष्शि' शिविर का आयोजन किया है। इस मौके पर वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar), विपक्ष के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) सहित विभिन्न क्षेत्रों के बुद्धिजीवी और शिक्षाविद मार्गदर्शन करेंगे। इस बात की जानकारी शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में सिंधखेड़ा विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र शिंगाने (MLA Rajendra Shingane) ने दी।
शिंगाने ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की अवधारणा से लागू इस खेमे में 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल मजबूत होगा। साथ ही मंथन शिविर का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को तानाशाही की ओर बढ़ रहे देश के मौजूदा हालात को समझाना, उन्हें भविष्य की राजनीतिक और अन्य चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
जानबूझकर उठाए जा रहे धार्मिक मुद्दे
शिंगाने ने कहा, देश में वर्तमान स्थिति विकट है और भविष्य अनिश्चित है। सरकारी तंत्रों का दुरूपयोग कर विरोधियों को जुल्म करके धमकाया जा रहा है। महंगाई, बेरोजगारी, रुपये का अवमूल्यन, गिरती अर्थव्यवस्था चरम पर पहुंच गई है। उन्होंने आगे कहा कि, अनावश्यक धार्मिक मुद्दों को उठाकर इन गंभीर मुद्दों को अनदेखी की जा रही है।
सामने सीटों का आवंटन एक अहम मुद्दा
महाविकास अघाड़ी आगामी सभी चुनाव एक साथ लड़ेंगे। लेकिन शिंगाने ने स्वीकार किया कि सीट आवंटन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। मुद्रा नोटों पर किसी की फोटो की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मूल रूप से यह चर्चा निरर्थक है। फोटो कौन है इस पर चर्चा के बजाय देश की गिरती अर्थव्यवस्था और डॉलर के मुकाबले रुपये के तेजी से अवमूल्यन पर चर्चा होने की उम्मीद है। लेकिन इस पर चर्चा करने और उपाय करने के बजाय, केंद्र में भाजपा सरकार और उसके नेताओं को दरकिनार कर रही है।
शिंदे-फडणवीस के शासनकाल में ही क्यों?
महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान जो कुछ भी हुआ वह मुंबई और महाराष्ट्र के साथ हुआ। उस दौरान राज्य का कोई भी प्रोजेक्ट दूसरे राज्य में नहीं गया। लेकिन जैसे ही शिंदे फडणवीस सरकार सत्ता में आई, वेदांत जैसे बड़े प्रोजेक्ट राज्य से बाहर और यहां तक कि गुजरात में भी क्यों जा रहे हैं? ऐसा प्रश्न शिंगाने ने किया। क्या गुजरात की भलाई के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने हैं?

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