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Buldhana

"उत्तर का प्रतिउत्तर रहता है"ये कहकर भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष ने सत्तार का बचाव भी किया और बयान का निषेध भी


बुलढाणा: सुप्रिया सुले को लेकर कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार द्वारा की गई टिप्पणी पर राज्य में ख़ासा बवाल कट रहा है.इस बीच भाजपा की महिला मोर्चा अध्यक्षा चित्रा वाघ का भी इस विवाद पर बयान सामने आया है.बुलढाणा में पत्रकारों से बातचीत में वाघ ने टिप्पणी करने वाले सत्तार के बयान का निषेध भी किया और बचाव भी.वाघ ने कहां की महिलाओं के लिए सिलेक्टिव्ह सम्मान नहीं होना चाहिए।प्रत्येक महिला का सम्मान होना चाहिए। महिलाओं को बोलते समय तारतम्य अपनाना चाहिए और पुरुषों को तो महिलाओं का सम्मान करना ही चाहिए। मै महिला हूँ और जो मन पड़े वो बोलू और उसका कही से ज़वाब आये और मै कहुँ की इससे अस्मिता भंग हुई है तो यह बराबर नहीं है.इसलिए दोनों ओर से एक दूसरे का सम्मान रखना चाहिए। "उत्तर को प्रतिउत्तर होता है" पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार की सरकार के दौर में ये कहां जाता था की गरिमा ऱखकर बोलना चाहिए। मुख्यमंत्री के पद का मान ऱखकर बोलना चाहिए पिछली सरकार के कई बड़े नेता ऐसा बोलते थे उनमे ये ( सुप्रिया सुले बिना नाम लिए संकेतों में ) भी थी.हमें लेकर कहते थे की भाजपा के लोगों  के जो मन में आता है बोलते है.यही उदहारण यहाँ भी लागू होना चाहिए। वो ( सत्तार ) मंत्री है उनका सम्मान रखना चाहिए।उनके विभाग से सम्बंधित कुछ हो तो जरूर बोला जाना चाहिए। आप ने जो बोला उसका प्रतिउत्तर आया.मैं इसका समर्थन बिलकुल नहीं करती।पर महाराष्ट्र में सिलेक्टिव्हनेस चल रहा है वो गलत है एक पार्टी के नेता के बारे में बोला तो महिलाओं का अपमान हुआ.इसके बाद हम तुम्हे यहाँ घूमने नहीं देंगे वहां घूमने नहीं देंगे तो बीते ढाई साल में आप ने क्या किया। क्यों संजय राऊत पर मामला दर्ज नहीं हुआ एक अभिनेत्री को। .......खोर कहना सही है क्या?वो अपने देश की बेटी नहीं थी क्या? स्वप्ना पाटकर महाराष्ट्र की बेटी नहीं थी क्या? इन बोलने पर क्यों नहीं मामले दर्ज हुए और भूमिका ली गयी. इसमें राजनीति लाने की कोई वजह नहीं है.